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    हार न मानने वाला जल्दी चला गया..

    By Edited By: Updated: Thu, 13 Jun 2013 10:12 PM (IST)

    शशांक शेखर को अंतिम विदा देने पहुंचे साथी, अधिकारी, नाते-रिश्तेदार

    जागरण संवाददाता, लखनऊ : 'हार न मानने वाला जल्दी चला गया'

    'जल्दी चले गए, हार मानना तो उसने सीखा नहीं था। एक पूर्व मुख्य सचिव ने कुछ यूं बयां किए उद्गार दिवंगत शंशाक शेखर सिंह के लिए। खराब मौसम में भी जहाज को ठिकाने पर पहुंचाने में भी वह माहिर थे। यही कुछ खूबियों के कारण गैर आइएएस को नौकरशाही का शीर्ष पद पर बैठाने का आइएएस अधिकारियों ने चाहे जितना विरोध किया हो, लेकिन आज हर किसी के मुंह से शशांक शेखर के कामों की तारीफ ही मुंह से निकली। बाइस वर्ष से शशांक के साथ काम कर रहे उनके निजी सचिव अजीत कटियार का गमगीन चेहरा ही बता रहा था कि जैसे कोई अपना चला गया हो। वह कहते हैं कि साहब में कुछ खास बात थी, तभी तो जो एक बार उनसे जुड़ा तो फिर जुदा नहीं हो पाया। अधिकांश लोग उनकी इस बात की तारीफ कर रहे थे कि जो भी उनके पास काम के लिए गया कभी निराश नहीं हुआ।

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    वर्जिश के लिए चार घंटा

    नॉनवेज से दूर रहने वाले शशांक शेखर सिंह की दिनचर्या में नियमित व्यायाम भी शामिल था। खेल से लेकर योगा और जिम को मिलाकर वह व्यस्तम समय में भी चार घंटा निकाल लेते थे। एक टाइम भोजन में दाल रोटी, लौकी और कभी-कभी चावल का सेवन करने वाले शशांक शेखर सिंह के फिट शरीर के सभी कायल थे और यही कारण है कि साठ वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी वह तनकर चलते थे। अपनी छवि एक बेहतर पायलट के रूप में रखने का जज्बा उनमे साफ दिखता था और यही कारण है कि सभी किस्म के जहाजों पर हाथ साफ कर चुके शशांक शेखर सिंह का नाम लिम्बा बुक में शामिल किया जा चुका है, पर जीवन के अंतिम तीन माह उनके लिए भारी पड़े।

    इनसेट

    श्रद्धांजलि देने पहुंचे साथी, अधिकारी व रिश्तेदार

    डेढ़ वर्ष से सत्ता-शासन से बाहर रहने के बाद भी भी शशांक शेखर सिंह की अत्येंष्टि में जुटी भीड़ ही उनके व्यवहार का आकलन कर रही थी। बैकुंठधाम घाट पर पूर्व कैबिनेट सचिव को श्रद्धांजलि देने में पत्नी पूर्णिमा सिंह, दामाद अनिरुद्ध, भाई मुदित वर्मा के अलावा तमाम रिश्तेदार, साथ में काम कर चुके कर्मचारी, पूर्व मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता, अनूप मिश्र, पूर्व मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह, चौधरी लक्ष्मी नारायण, विधायक टी राम के अलावा अधिकारियों में शैलेश कृष्ण, राजीव अग्रवाल, एसपी गोयल, कैप्टन एसके द्विवेदी, सुधीर कुमार, कुंवर फतेह बहादुर, नेतराम, राजेंद्र भौनवाल, सेवानिवृत्त डीजीपी विक्रम सिंह के अलावा सेवानिवृत्त अधिकारियों में बृजलाल, डीएस मिश्र समेत अन्य भी उपस्थित थे।

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