मुमताज पार्क बनकर निखरेगा ताज कॉरीडोर
-मायावती के प्रोजेक्ट को हरियाली का नया कलेवर देगी अखिलेश सरकार
-ताजमहल और आगरा किले के बीच के हिस्से का होगा कायाकल्प
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : ताजमहल और आगरा किले के बीच के जिस क्षेत्र पर ताज हेरिटेज कॉरीडोर परियोजना विकसित करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को सीबीआइ जांच की आंच झेलनी पड़ी, अखिलेश सरकार के राज में वह 'मुमताज पार्क' बनकर निखरेगा। ईको पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश में जुटी अखिलेश सरकार टीलों और ऊबड़खाबड़ सतह वाले ताज हेरिटेज कॉरीडोर क्षेत्र को हरियाली के कलेवर में ढालने का फैसला कर चुकी है।
ताज हेरिटेज कॉरीडोर को मुमताज पार्क का नाम ताजमहल को बनवाने वाले मुगल बादशाह शाहजहां की निगाह-ए-नाज मुमताज महल की याद में दिया जा रहा है। मुमताज पार्क को विकसित करने की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है। ताज हेरिटेज कॉरीडोर प्रकरण उजागर होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की निगरानी में ताजमहल और आगरा किले के बीच 26 हेक्टेयर में फैले इस क्षेत्र को हरा-भरा बनाने का आदेश दिया था। किन्हीं कारणों से सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश पर अमल नहीं हो पाया। अखिलेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में ईको पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से इस क्षेत्र को हरीतिमा का जामा पहनाने का निर्णय लिया है। मुमताज पार्क में ऐसे स्थान जहां से ताजमहल और आगरा किला सीधे दिखायी देते हैं, वहां मध्यम और छोटे आकार के पेड़ लगाये जाएंगे ताकि इन ऐतिहासिक धरोहरों को देखने में कोई बाधा न हो। वहीं अन्य स्थानों पर ऊंचाई वाली प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे।
आगरा के वन संरक्षक विभाष रंजन के मुताबिक मुमताज पार्क दरअसल 58 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले ताज नेचर वॉक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का एक हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के तहत मुमताज पार्क के अलावा बटरफ्लाई पार्क, ग्रीन टनल, कैमल सफारी और नौकायन की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा यहां पर्यटकों के लिए नेचर हट और नेचर गाइड की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
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