जिला पंचायत में 6 व क्षेत्र पंचायत की 136 सीटें बढ़ीं
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत का परिसीमन जारी होने के बाद त्रिस्तरीय
कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत का परिसीमन जारी होने के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है। नये परिसीमन के अनुसार जिला पंचायत में अब 27 की जगह 33 सीट तथा दस क्षेत्र पंचायत में 672 की जगह 808 सीटें होंगी। इस तरह क्षेत्र पंचायतों में 136 सीटों की बढ़ोत्तरी हुई है।
पंचायत चुनाव के लिए विभागीय स्तर पर तैयारियां पहले से शुरू हो गई थी। इसमें सबसे अहम कड़ी ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन था। ग्राम पंचायतों में वार्डो का गठन, क्षेत्र पंचायतों का गठन तथा जिला पंचायत का गठन किया गया है। अब जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 612 से बढ़ कर 640 हो गई है। इनमें वार्डो की संख्या 7590 से बढ़ाकर 8050 कर दी गई है। ग्राम पंचायतों में 476 नए वार्ड गठित हुए हैं। पूर्व में दस क्षेत्र पंचायतों में 672 सीटें थी, जो बढ़कर 808 हो गई है। इनमें सर्वाधिक सीटें रसूलाबाद ब्लाक में बीस तथा सबसे कम अकबरपुर में पांच बढ़ी हैं। जिला पंचायत में 27 से बढ़कर 33 सीटें हो गई हैं। मैथा, रसूलाबाद, झींझक, राजपुर, मलासा व डेरापुर में एक-एक सीट का गठन किया गया है।
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जिला पंचायत की सीटों का विवरण
सरवनखेड़ा : कठेठी, तिलौंची व उमरन।
मैथा : रंजीतपुर, औंगी, मवैया, भुजपुरा।
रसूलाबाद : असालतगंज, बिरहुन, रसूलाबाद प्रथम, रसूलाबाद द्वितीय, सुनासी।
झींझक : जजमुईया, परजनी, लक्ष्मणपुर पिलख।
संदलपुर : संदलपुर प्रथम, संदलपुर द्वितीय।
राजपुर : राजपुर प्रथम, राजपुर द्वितीय, राजपुर तृतीय।
अमरौधा : शाहजहांपुर, अमरौधा प्रथम, अमरौधा द्वितीय, मूसानगर।
मलासा : कुढ़वा, मुरलीपुर, बरौर।
डेरापुर : मुंगीसापुर, सिठमरा, कपासी।
अकबरपुर : तिंगाई, जगनपुर, बारा।
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क्षेत्र पंचायतों की बढ़ी सीटें
ब्लाक : 2010 2015
सरवनखेड़ा 70 87
मैथा 74 91
रसूलाबाद 97 117
झींझक 54 73
संदलपुर 52 61
राजपुर 55 72
अमरौधा 84 99
मलासा 67 73
डेरापुर 50 61
अकबरपुर 69 74
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शासन से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर ग्राम पंचायतों के वार्डो, क्षेत्र पंचायत सदस्यों व जिला पंचायत सदस्य सीटों का परिसीमन करके सूची चस्पा की गई है। इसमें कोई अपनी आपत्ति 3 अप्रैल तक दर्ज करा सकता है, जिसका निस्तारण 15 अप्रैल तक कर दिया जाएगा। आपत्ति निस्तारण के बाद परिसीमन को अंतिम रूप दिया जाएगा।
-शशिकांत पांडेय, डीपीआरओ