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    आतंकी साजिश नाकामः कानपुर और झांसी में विस्फोटक बरामद

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2016 10:50 PM (IST)

    आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने कानपुर और झांसी से 30 हजार डेटोनेटर, 20 हजार जिलेटिन की छड़ें व छह क्विंटल अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया है।

    लखनऊ (जागरण न्यूज नेटवर्क)। जन्माष्टमी के पूर्व आतंक की बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने कानपुर और झांसी से 30 हजार डेटोनेटर, 20 हजार जिलेटिन की छड़ें व छह क्विंटल अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया है। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसका नक्सली कनेक्शन भी टीम देख रही है।

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    बताते है कि छह जुलाई को कानपुर के चकेरी हाईवे पर लावारिस कार में इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर मिले थे। इसकी जांच एटीएस कर रही थी। इसी क्रम में बुधवार रात टीम ने कानपुर में एक ट्रक पकड़ा था। इसमें अमोनियम नाइट्रेट था। फिर टीम ने घाटमपुर में कार पकड़ी। पकड़े गए लोगों अंबेडकर नगर निवासी ट्रक चालक निर्भय मिश्रा, बिहार के सासाराम निवासी विक्रान्त कुमार सिंह उर्फ पप्पू, ओम नारायण राय, पंकज कुमार सिंह ने पूछताछ में अपने कनेक्शन झांसी से लेकर बिहार तक बताए। एक-एक कड़ी जोड़ते हुए रात में ही पूरा आपेरशन शुरू कर दिया गया। फिर एटीएस व कानपुर की क्राइम ब्रांच की अलग-अलग टीमों ने बुधवार और गुरुवार को कई जगह छापे मारे गये। इसी क्रम में गुरुवार सुबह झांसी के मोंठ के मड़इयन निवासी चरन सिंह को गिरफ्तार कर उसके दो मकानों से टीम ने 92 बोरी अमोनियम नाइट्रेट, 800 प्लेन डेटोनेटर, 2000 प्लेन डेटोनेटर (खराब), 3000 इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, 2000 डीटीएस वायर व 4000 हजार जिलेटिन की छड़ें बरामद की। एटीएस लखनऊ के मुताबिक पिछले माह कानपुर में मिली कार से बरामद डेटोनेटर भी चरन सिंह के यहां से आये थे। सभी से पूछताछ की जा रही है। कानपुर के एसएसपी शलभ माथुर का कहना है कि उन्हें अभी मामले की कोई जानकारी नहीं है।

    रिन्यूअल नहीं कराया लाइसेन्स

    झांसी के मोंठ के ग्राम टोड़ी के मजरा मड़इयन निवासी आरोपी ठाकुर चरण सिंह का कहना है कि वह इस काम के लिए 2010 से लाइसेंस धारक है और तभी से वह यह काम करता चला आ रहा है। बता दें कि 2014 में भारत सरकार ने अमोनियम नाइट्रेट को खतरनाक विस्फोटक घोषित किया है। तब से उसने अपने लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराया है।

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    नक्सलियों को जा रहे थे विस्फोटक, बिहार में दबिश

    बिहार व झारखंड के नक्सली इलाकों में खून-खराबे के लिए विस्फोटकों की आपूर्ति के मजबूत तार उत्तर प्रदेश से जुड़े हैं। कानपुर व झांसी से गिरफ्तार हुए विस्फोटक ले जा रहे अभियुक्तों से अब तक हुई पूछताछ से यह तथ्य स्पष्ट रूप से सामने आया है कि ये विस्फोटक नक्सलियों के लिए ले जाए जा रहे थे। अब पुलिस बिहार में भी दबिश दे रही है।उत्तर प्रदेश पुलिस के आंतकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने कानपुर में भारी संख्या में विस्फोटक बरामद करने में सफलता पाई है। इसके बाद कानपुर व झांसी से गिरफ्तार विस्फोटक ले जा रहे अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला कि यह सामान वे बिहार के जिन व्यक्तियों के पास ले जा रहे थे, वे नक्सलियों को विस्फोटक आपूर्ति करने के मामलों में पहले से वांछित हैं। बिहार के सासाराम निवासी ओम प्रकाश चौधरी व अक्षयवर महतो के पास यह विस्फोटक जाने की बात पता चली है। ओम प्रकाश माओवादी गतिविधियों में लिप्त है और पुलिस कई गंभीर मामलों में उसकी तलाश कर रही है। अक्षयवर विस्फोटक आदि का स्थानीय आपूर्तिकर्ता है और पिछले छह माह से पुलिस इसकी तलाश कर रही है। एटीएस की टीम गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के बाद इस नतीजे पर पहुंची है कि यह विस्फोटक भी नक्सलियों के पास जा रहे थे। एटीएस के आइजी असीम अरुण के अनुसार इसी सूत्र के आधार पर बिहार पुलिस की मदद से यूपी एटीएस सासाराम में दबिशें भी दे रही है।