कानपुर में सेवानिवृत्त सैनिक ने चिट्ठी भेजकर दिया तलाक
कानपुर व फतेहपुर के सैनिक कल्याण बोर्ड व तीन राज रायफल्स के रिकार्ड सेक्शन के इंचार्ज को पत्र भेजकर अल्ताफ की पेंशन पर रोक लगाने व बच्चों को भरण पोषण राशि दिलाने की भी गुहार लगाई है।

कानपुर (जेएनएन)। सेना से सेवानिवृत्त होकर शौहर के घर लौटने पर जिंदगी हंसी-खुशी चल रही थी। इसके करीब डेढ़ वर्ष बाद शबनम निशा की जिंदगी में अचानक भूचाल आ गया। नौकरी के लिए बाहर जाने का झांसा देकर निकले शौहर ने उसे रजिस्टर्ड पत्र में तीन तलाक लिखकर भेज दिया। इतना ही नहीं पैतृक गांव में एक युवती से निकाह कर वहीं रहने लगा। ब'चों की पढ़ाई-लिखाई के दौर में आए इस संकट के बाद शबनम बदहवास है।
नगर के मोहल्ला इंदिरा नगर निवासी शबनम की शादी 22 जून, 1997 को फतेहपुर की तहसील बिंदकी के गांव सुल्तानगढ़ निवासी अल्ताफ हुसैन से हुई थी। अलताफ भारतीय सेना की तीन राज रायफल्स से फरवरी 2015 में हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद इंदिरा नगर स्थित आवास में बीवी व ब'चों के साथ रह रहे थे। शबनम ने बताया कि मई 2016 में वह नौकरी करने का झांसा देकर घर से चले गए। तीन चार माह गुजर जाने के बाद वह वापस न लौटे और संपर्क करना भी तोड़ लिया।
सोमवार को शबनम भूतपूर्व सैनिक महासभा के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह के पास 17 वर्षीय पुत्र आरिफ व नौ वर्षीय अमन व 14 वर्षीय पुत्री शाहिबा निशा को लेकर मदद की गुहार लगाने पहुंची। उसने बताया कि दिसंबर 2016 में अल्ताफ ने उन्हें एक रजिस्टर्ड पत्र भेजा था, जिसमें तलाकनामा था। वह अपनी ससुराल सुल्तानगढ़ पहुंची। वहां अल्ताफ बिहार के गांव कुप्पाखाली निवासी निजामुद्दीन की पुत्री फरीदा खातून के साथ निकाह रचाकर रहते हुए मिला। शबनम निशा ने डीएम व एसडीएम से न्याय की गुहार की है।
कानपुर व फतेहपुर के सैनिक कल्याण बोर्ड व तीन राज रायफल्स के रिकार्ड सेक्शन के इंचार्ज को पत्र भेजकर अल्ताफ की पेंशन पर रोक लगाने की मांग की। ब'चों के लिए भरण पोषण राशि दिलाने की भी गुहार लगाई है। भूतपूर्व सैनिक महासभा के पदाधिकारियों ने भी शबनम निशा व उनके ब'चों को मदद का भरोसा दिलाया है।

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