अब खैर नहीं, तीन तलाक गुनाह-ए-कबीरा
जल्दी-जल्दी तीन बार तलाक देने वालों की अब खैर नहीं। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस तरह के तलाक को गुनाह-ए-कबीरा (सबसे बड़ा गुनाह) माना है।
कानपुर[जमीर सिद्दीकी]। मुस्लिम समाज में एक बार में जल्दी-जल्दी तीन बार तलाक देने वालों की अब खैर नहीं। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस तरह के तलाक को गुनाह-ए-कबीरा (सबसे बड़ा गुनाह) माना है। अब ऐसे तलाक देने वालों की सजा निर्धारित करने की तैयारी है। बोर्ड की बात इसलिए मान्य होगी क्योकि बोर्ड का गठन ही शरीयत की हिफाजत के लिए हुआ है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि पिछले दिनों कोलकाता में बोर्ड के राष्ट्रीय अधिवेशन मेें इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है और इसपर जल्द ही ठोस रणनीति तय की जाएगी। वहीं बोर्ड में सभी मसलक के लोग हैं, जिनमें तीन तलाक को लेकर अलग अलग राय रखते थे लेकिन राष्ट्रीय अधिवेशन में ये प्रस्ताव जब बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी लाए तो किसी ने विरोध नहीं किया।
बता दें कि पर्सनल लॉ बोर्ड इस तरह तीन तलाक देने वालों के लिए सजा का प्राविधान भी करने जा रहा है। बोर्ड ने ऐसे लोगों का समाज से बायकाट कराने की रणनीति तय की है। बोर्ड इसपर भी मंथन कर रहा है कि ऐसे लोगों को संविधान के अनुसार भी सजा दिलाने मेें पीडि़त महिला की मदद की जाए।
80 कोड़े की सजा का प्राविधान
गद्दियाना ईदगाह के इमाम मौलाना हाशिम अशरफी ने बताया कि यदि कोई शौहर अपनी बीवी को एक बार में तीन तलाक दे देता है तो तलाक हो जाएगा लेकिन तलाक देने का ये तरीका गलत है। यही कारण है कि ऐसे तलाक देने वालों को 80 कोड़े की सजा देने का प्राविधान है। इसका उल्लेख कुरान में है। अपने देश में ये व्यवस्था लागू नहीं हो सकती क्योंकि यहां सभी नियम भारतीय संविधान के अनुसार ही होते हैं।
बता दें कि इस तरह गुस्से में हजारों लोगों ने बीवी को तीन बार तलाक कहकर अपना परिवार बर्बाद कर लिया है। तीन तलाक देने के बाद न तो बीवी शौहर की शक्ल देख सकती है और न ही शौहर बीवी की। दोनों की जिंदगी के रास्ते अलग हो जाएंगे।
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