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    साक्षात्कार: सीएम अखिलेश ने कहा, हम पर छोड़ दो 'तुरुप के इक्के' का गेम

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Wed, 05 Oct 2016 10:28 AM (IST)

    अखिलेश ने ‘दैनिक जागरण’ के वरिष्ठ समाचार संपादक आनंद शर्मा से विशेष बातचीत में प्रदेश के चुनावी समर पर खुलकर बातचीत की।

    कानपुर (जेएनएन)। चुनावी मुहाने पर खड़े प्रदेश में बेशक कितना भी ताप हो, सपा संगठन में तमाम हलचल हो मगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 'मिस्टर कूल’ ही नजर आते हैं। मंगलवार को मेट्रो ट्रेन सहित तमाम प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने आए मुख्यमंत्री ने ‘दैनिक जागरण’ के वरिष्ठ समाचार संपादक आनंद शर्मा से विशेष बातचीत में प्रदेश के चुनावी समर पर खुलकर बातचीत की।

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    उनके परिवार में चल रही हलचल का सवाल भी उन्हें कतई बेचैन नहीं करता और ना ही चेहरे की मुस्कुराहट पर असर डालता है। पेश हैं उनसे हुई खास बातचीत के मुख्य अंश-

    सवाल- भाजपा भी विकास की बात कर रही है और आप भी, जनता किस तरफ जाएगी, क्या लगता है?

    जवाब- जो हमने कर दिया, वह दूसरे किसी सीएम ने किया हो तो बताओ। हमने मुख्यमंत्री कार्यालय ऐसा बना दिया, जैसा दूसरा कोई नहीं। लखनऊ हाईकोर्ट देखकर आएं, वैसा दूसरा कोई नहीं होगा।

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    सवाल- एक बात तो बार-बार उठती है कि सपा सरकार में कानून व्यवस्था कुछ खराब हुई है। क्या आपको नहीं लगता?
    जवाब- उप्र का लॉ एंड ऑर्डर बेहतर है। घटनाएं हुई हैं तो उनमें कार्रवाई भी हुई है। अब हम जो डायल 100 लेकर आ रहे हैं, वैसा देश में कहीं नहीं है। दो अक्टूबर से शुरू होना था, जो नहीं हो पाया। नवंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में शुरू कर देंगे। पुलिस दस मिनट में पहुंचेगी। अच्छा व्यवहार करेगी। मुकदमा भी दर्ज करेगी। इसके लिए हमारे एक्सपर्ट न्यूयॉर्क और सिंगापुर जैसे देशों की प्रेक्टिस देखकर आए हैं।

    सवाल- आप काफी योजनाएं लाए, काम किया। मगर, क्या कोई ख्वाहिश रह गई है, जो इस कार्यकाल में नहीं कर पाए हों?
    जवाब- समाजवादी सरकार काम में सबसे आगे है। बाकी सब बहुत पीछे छूट गए हैं। इतने लैपटॉप कौन बांट सकता है। अब स्मार्ट फोन देकर एक कदम और आगे जा रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा तकलीफ भाजपा को ही हुई है। काम करना ही हमारी ख्वाहिश थी और आगे भी जनता के लिए काम करना ख्वाहिश है।

    सवाल- चुनाव कब तक होने की उम्मीद है। आपका प्रयास क्या रहेगा?
    जवाब- हम तो सिर्फ प्रस्ताव और सुझाव भेज सकते हैं। फैसला चुनाव आयोग को लेना है। हम तो यही चाहेंगे कि बोर्ड परीक्षा के पहले या बाद में चुनाव हों। परीक्षा के दौरान बिल्कुल नहीं।

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    सवाल- क्या पंजाब और गोवा के चुनाव में भी सपा सक्रिय नजर आएगी?
    जवाब- नहीं, हम तो अपना यूपी का चुनाव ही देख रहे हैं।

    सवाल- नेताजी कहते थे कि बाहर निकलो, क्या पार्टी दूसरे राज्यों में नहीं जाएगी?
    जवाब- हां, नेताजी कहते हैं कि हमसे गलती हुई जो बाहर नहीं गए। हम तो जा रहे हैं, मप्र गए, राजस्थान गए, लेकिन जितना जाना चाहिए, उतना नहीं जा पाए। विधानसभा चुनाव के बाद जरूर जाएंगे।

    सवाल- आपका 'तुरुप का इक्का' बड़ा चर्चाओं में है। आखिर वह है किसके पास?
    जवाब- (हंसते हुए) हमारा गेम हम पर छोड़ दीजिए। राजनीति से पहले बता देंगे तो हमारे पास क्या बचेगा।

    सवाल- सपा में टिकट बंटवारे पर अब छाप नजर आती है। ये इनका करीबी, वो उनका करीबी?
    जवाब- ये नई परंपरा है। न पहले होता था और ना ही आगे होगा। कार्यकर्ता पार्टी के हैं, चुनाव चिन्ह सपा का है। सब समाजवादी ही हैं।