लखनऊ तक मेट्रो नहीं 'हाई स्पीड ट्रेन'
कानपुर, जागरण संवाददाता: कानपुर से लखनऊ तक यातायात को तेज और सुमग बनाने के लिए हाईस्पीड ट्रेन के संच
कानपुर, जागरण संवाददाता: कानपुर से लखनऊ तक यातायात को तेज और सुमग बनाने के लिए हाईस्पीड ट्रेन के संचालन की उम्मीद जगी है। लखनऊ मेट्रो के कानपुर तक विस्तार की बनी परियोजना के सर्वे को नामित लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन प्रबंधन ने मंडलायुक्त को मेट्रो रेल के स्थान पर रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम को लाने का सुझाव दिया है। कारपोरेशन के प्रस्ताव पर जल्द ही मंडलायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली कमेटी में मुहर लगने की उम्मीद भी है।
कानपुर से लखनऊ जाने के लिए लोगों को नाकों चने चबाने पड़ते हैं। जाजमऊ के पास रामादेवी में, गंगा पुल पर, उन्नाव में दही चौकी के पास रोज जाम लगता है। इस जाम में कई बार लोग घंटों फंस जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए ही समग्र विकास समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने लखनऊ मेट्रो का कानपुर तक विस्तार करने का प्रस्ताव शासन को दिया था। मुख्य सचिव ने इसे मंजूरी देने के साथ ही इसे धरातल पर लाने के लिए कमेटी का गठन भी कर दिया था। कमेटी ने इसकी फिजिबिल्टी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन को दी। मेट्रो ट्रेन का स्टेशन एक से दो किलोमीटर के बीच होता है। ऐसे में लखनऊ से कानपुर के बीच दो दर्जन से अधिक स्टेशन बनाने पड़ेंगे। यात्री भी ट्रेन को मिलेंगे या नहीं इसे लेकर भी संशय की स्थिति है। कम दूरी पर स्टेशन बनाने में लागत भी अधिक आएगी। इन्हें देखते हुए ही कारपोरेशन के एमडी कुमार केशव ने मेट्रो के स्थान पर रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम लाने का सुझाव मंडलायुक्त को दिया है। इस सिस्टम के तहत लखनऊ से कानपुर के बीच हाई स्पीड ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। इससे सफर तेज और सुगम हो जाएगा।
कमेटी में शामिल अफसर
मेट्रो परियोजना को धरातल पर लाने के लिए मुख्य सचिव ने कानपुर के मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन, लखनऊ के कमिश्नर महेश गुप्ता, प्रमुख सचिव आवास, औद्योगिक विकास आयुक्त, केडीए उपाध्यक्ष जयश्री भोज, समग्र विकास समिति के समन्वयक नीरज श्रीवास्तव और लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण के एसीईओ की एक कमेटी बनाई थी। अब यह कमेटी ही तय करेगी मेट्रो ट्रेन का विस्तार किया जाएगा या फिर रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम को लाया जाएगा।
सर्वे को मिलेगा धन
सर्वे में आने वाले खर्च का 50 फीसद धन यूपीएसआईडीसी, 25 फीसद लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण व 25 फीसद धनराशि कानपुर विकास प्राधिकरण द्वारा दिया जाएगा। अब लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन को यह बताना है कि सर्वे में कितना धन खर्च होगा।
बैराज तक मिलेगी सुविधा
मेट्रो ट्रेन का विस्तार गंगा बैराज तक किये जाने का प्रस्ताव रखा गया था। अगर मेट्रो चलेगी तो भी गंगा बैराज तक आएगी। अगर रैपिड रेल ट्रांजिस्ट सिस्टम लागू होगा तो फिर हाईस्पीड ट्रेन बैराज तक आएगी। बैराज पर यूपीएसआईडीसी हाईटेक सिटी की स्थापना कर रहा है तो कानपुर विकास प्राधिकरण वहां 11 सौ एकड़ में माडर्न सिटी स्थापित करने की कवायद में जुटा हुआ है।
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