रामनवनमी जुलूस को लेकर दो पक्षों में संघर्ष
कानपुर, जागरण संवाददाता : रामनवमी जुलूस को लेकर कल्याणपुर थाना क्षेत्र के सुंदरनगर में मंगलवार अपराह्न दो वर्गो के बीच विवाद के बाद हालात बिगड़ गए। संघर्ष शोभायात्रा का तय रूट रास्ता खराब होने के कारण बदले जाने से शुरू हुआ। मारपीट व पथराव में महिलाओं व बच्चे समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी दोनों पक्षों को शांत कराकर शाम को वापस लौट रहे थे कि दोबारा पथराव के साथ आगजनी शुरू हो गयी। इस पर पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए जमकर लाठीचार्ज किया। बदले में गुस्साई भीड़ ने एसीएम-छह के वाहन में आग लगा दी और फायरिंग की। पत्थर के हमले में डीएम बाल-बाल बचीं, कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े व रबर बुलेट चलायी। देर रात तक क्षेत्र में तनाव देखते हुए क्यूआरटी, आरएएफ, समेत भारी पुलिस बल तैनात था।
रामनवमी पर मंगलवार दोपहर तीन बजे सुंदर नगर से शोभायात्रा निकल रही थी। जुलूस में कई युवक डीजे पर नाचते गाते चल रहे थे। इसी बीच शोभायात्रा का दूसरे पक्ष ने विरोध कर दिया। मौके पर जमा हुए लोगों का कहना था कि हर साल जुलूस सैय्यद नगर के तय रूट से निकालता है, फिर इस बार सुंदर नगर से क्यों निकाला जा रही है। शोभा यात्रा के आयोजकों ने सैय्यद नगर की सड़क पर काफी गड्ढे होने और पानी भरा होने की बात कही। लेकिन दोनों पक्षों के बीच विवाद शांत होने के बजाय बढ़ गया। कई बुजुर्गो ने बीच बचाव करने का प्रयास किया, पर दोनों पक्षों से मारपीट शुरू होने के साथ पत्थरबाजी शुरू हो गयी। पथराव से इलाके में भगदड़ मच गई। झांकियों के साथ चल रहे बच्चे, युवक और घरों के बाहर खड़ी महिलाएं घायल हो गई। सात साल की प्रिया, 12 साल के प्रांजुल, राजा, पप्पू, सोनू, अजय, रामलाल समेत कई लोग घायल हो गए। इन्हें पास के हास्पिटल में भर्ती कराया गया। बवाल की सूचना मिलते ही कल्याणपुर सीओ श्रीपाल यादव, एसओ आनंद प्रकाश मिश्रा फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ ही देर में एसपी ग्रामीण डा. अनिल कुमार मिश्रा और कई थानों की फोर्स ने क्षेत्र घेर लिया। एक पक्ष रथ के आगे लेट गया, इसी बीच दूसरे पक्ष के दो युवकों राघव द्विवेदी व बउवा यादव ने मिट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग लगाने का प्रयास किया। पुलिस कर्मियों ने उन्हें हटाया। पुलिस दोनों पक्षों को शांत कराकर मौके से हटाना चाहती थी, लेकिन भीड़ पीछे हटने को तैयार नहीं थी। इसी बीच एसएसपी अजय कुमार मिश्रा, एसपी पूर्वी संजीव त्यागी, एसपी पश्चिम गौरव सिंह, एसपी इंटेलीजेंस भी घटनास्थल पर आ गए। डीएम डा. रौशन जैकब और एडीएम सिटी अविनाश सिंह ने पुलिस अधिकारियों को साथ लेकर दोनों पक्षों को शांत कराया। अंत में बिना डीजे बजाए जुलूस के चार वाहनों को कड़ी सुरक्षा के बीच निकाला गया, जबकि बाकी को दूसरी गली से वापस कर दिया गया। डीआईजी रेंज आरके चतुर्वेदी ने भी मौके का जायजा लिया। विधायक सत्यदेव पचौरी, विश्व हिंदू परिषद के अवध बिहारी मिश्रा, पेश इमाम मौलाना मुश्ताक और शांति समिति के सदस्यों ने भी दोनों पक्षों को शांत कराया। उपद्रव के दौरान क्षेत्र की बिजली कट गई। इस पर आरआई अवधेश कुमार पांडेय ने हाई बीम वाली कई टॉर्च मंगवाई और पुलिस कर्मियों को छतों पर तैनात किया गया। देर शाम मामला निपटा कर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी वापस लौट रहे थे, इसी दौरान भीड़ में शामिल कुछ युवकों ने फिर से पथराव कर दिया। इस पर पुलिस ने सख्ती दिखाई और लाठीचार्ज किया। बदले में गुस्साई भीड़ ने सरकारी गाड़ी में आग लगा दी। पत्थर के हमले में डीएम बाल-बाल बचीं, कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर बुलेट चलायी।
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