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    रावतपुर से बिल्हौर तक पांच मानव रहित क्रासिंग खत्म

    By Edited By:
    Updated: Thu, 21 Nov 2013 12:29 AM (IST)

    कानपुर, जमीर सिद्दीकी:

    फर्रुखाबाद रेलमार्ग पर रेल अफसरों ने फिर सर्वे करके यह तय किया है कि कौन सी मानव रहित क्रासिंग ऐसी हैं जिन पर एक लाख से अधिक वाहनों का आवागमन है। अब ऐसी पांच मानव रहित क्रासिंग पर गेट लगाने का काम शुरू हो गया है।

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    मानव रहित गेट नंबर 19, 21 व 24 पर गेट लगाए जा चुके हैं और चौबेपुर से मंधना के बीच पड़ने वाले गेट नंबर 20 सी पर भी गेट लगाया जा रहा है। ऐसे ही चौबेपुर के बर्राजपुर के बीच मानव रहित क्रासिंग 34 पर भी गेट लगाए जा रहे हैं जबकि उत्तरीपुरा से बिल्हौर के बीच गेट नंबर 41 पर भी गेट लगाने का काम शुरू है।

    अनवरगंज से बिल्हौर तक पड़ने वाली रेलवे क्रासिंग काफी व्यस्त है क्योंकि ये ट्रैक जीटी रोड के बगल बगल से बनाया गया है। सर्दी में कोहरे के चलते मानव रहित क्रासिंग पार करते समय ट्रेन नहीं दिखाई देती। उसी का दुष्परिणाम है कि दर्जनों लोग ट्रेन से कटकर अपनी जान गंवा चुके हैं। हादसे रोकने के लिए कई मानव रहित क्रासिंग पर गेट लगाये जा रहे हैं और गेटमैन भी तैनात होंगे। जीटी रोड पर सौ से अधिक ऐसे संपर्क मार्ग जुड़े हैं जिन पर लाखों की संख्या में वाहन चलते हैं और सर्दी में जब कोहरा घना होता है तो ट्रेन दिखाई नहीं देती। नतीजा यह होता है कि अनवरगंज से बिल्हौर तक मानव रहित क्रासिंग पर ट्रैक्टर ट्राली, जीप, कार, ट्रक हादसे का शिकार होते हैं।

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    इंसेट..

    सायरन भी बचाएगा हादसा

    अक्सर लोग तेज गति से आ रही ट्रेन देख नहीं पाते और हादसे का शिकार हो जाते हैं। गेट बंद होने के एक मिनट पहले से ही गेट के दोनों ओर लगे सायरन बजने लगेंगे ताकि राहगीर सतर्क हो जायें। रेलवे के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक ये व्यवस्था कोहरे से पूर्व करने की तैयारी है ताकि हादसे बचाए जा सकें।

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