झूठे साक्ष्य प्रस्तुत करने पर फंसा मुकदमे का वादी
जागरण संवाददाता, अमरोहा: दहेज हत्या के मुकदमें में अदालत में झूठे साक्ष्य प्रस्तुत करने पर अदालत ने वादी के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 344 के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
बीते साल छजलैट थाना क्षेत्र के गांव सदरपुर निवासी वीर सिंह ने दहेज के लिए अपनी भतीजी की हत्या करने का आरोप लगाते हुए गांव मुनव्वरपुर निवासी उसके ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पति विरेंद्र सिंह, श्वसुर भूरे सिंह, देवर सुनील, सास जयवती व दो ननद शामिल थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिनमें से पति को छोड़ कर शेष जमानत पर रिहा हो गए थे। यह मुकदमा विशेष सत्र न्यायाधीश विकास सक्सैना की अदालत में चल रहा था। आज सुनवाई के दौरान अदालत ने मुकदमे के वादी वीर सिंह को अदालत के समक्ष झूठे साक्ष्य प्रस्तुत करने का दोषी पाया। आरोपी पक्ष के अधिवक्ता मोहन सिंह ने भी इस मामले में अदालत में जोरदार बहस की। जिस पर अदालत ने वीर सिंह को झूठे साक्ष्य देने का दोषी पाया तथा उसके खिलाफ सीआरपीसी की धारा 344 के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया। जबकि सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।
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