जागरण इन्फो
जागरण विचार : मौसम के बदलते तेवर को देखते हुए स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखना ़जरूरी हो गया है। बा़जार में मिलने वाले कई खाद्य-पदार्थ ऐसे होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं। इस मौसम में डॉक्टर से दूर रहने के लिये आवश्यक है कि बाहर का खाना कम से कम खाएं।
:::
जागरण इन्फो का लोगो
:::
गुरू रामदास की फोटो
:::
गुरू रामदास नवमी आज
समर्थ रामदास के नाम से प्रसिद्ध गुरू रामदास छत्रपति शिवाजी के गुरू तो थे ही, मराठी ग्रन्थ 'दासबोध' के रचनाकार भी थे। उनका मूल नाम नारायण सूर्याजीपन्त कुलकर्णी था। उनका जन्म रामनवमी के दिन महाराष्ट्र के औरंगाबाद ़िजले में हुआ था। पिता सूर्याजीपन्त पेशे से पटवारी थे, जिनका अधिक से समय ईश उपासना में ही बीतता था। इसका असर समर्थ रामदास पर हुआ और बचपन से ही वे आध्यात्म में रम गए। कहा जाता है कि विवाह के समय 'शुभमंगल सावधान' में 'सावधान' शब्द उनके मन में ऐसा घर कर गया कि इसे सुनते ही उन्होंने विवाह मण्डप बीच में ही छोड़ दिया। यहाँ से वे सीधे टाकली नामक गाँव चले गए और लगातार 12 वर्ष तक भगवान राम की उपासना करते रहे। इस दौरान उनका नाम 'रामदास' पड़ गया। इसके बाद उन्होंने स्वयं एक रामायण लिखी, जिसमें रचित श्रीराम प्रार्थनाएं 'करुणाष्टक' नाम से प्रसिद्ध हैं। भ्रमण के दौरान उनकी भेंट स्वराज प्रेमी छत्रपति शिवाजी से हुई। शिवाजी ने उनकी क्षमताओं को देखते हुए अपना गुरू बना लिया। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी के दिन (वर्ष 1603) 73 वर्ष की आयु में समर्थ गुरू रामदास ने भौतिक जीवन को त्याग कर महाराष्ट्र के सज्जनपुर नामक गाँव में समाधि ले ली। तब से आज के दिन को उनके अनुयायी गुरू रामदास नवमी के रूप में मनाते हैं।
:::
सन्त गाडगे की फोटो
:::
सन्त गाडगे जयन्ती आज
सन्त गाडगे का जन्म 23 ़फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती ़िजले में हुआ था। निम्न कुल में होने के कारण उनका प्रारम्भिक जीवन बेहद साधारण था, लेकिन अध्यात्म की समझ और सामाजिक जीवन में सुधार की चाह ने उन्हें दूसरों से भिन्न साबित किया। अस्वच्छता निर्मूलन के लिये उन्होंने जो कार्य किये उसी का नतीजा था कि लोग उन्हें 'बाबा' कहकर बुलाते थे। सन्त गाडगे गाँव-गाँव घूमकर शिक्षा और सामाजिक चेतना सम्बन्धित विषयों पर प्रवचन व कीर्तन किया करते थे। उन्होंने सबसे अधिक स्वच्छता और जल शुद्धिकरण अभियानों पर ़जोर दिया। उनके योगदान को देखते हुए आज भी महाराष्ट्र में अधिकतर जल शुद्धि और ग्राम स़फाई अभियान का नाम बाबा गाडगे के नाम पर ही है।
:::
लोगो : बातें विज्ञान की
:::
सोलर सिस्टम की फोटो
:::
ऊर्जा का अच्छा स्रोत है सोलरजेन प्रणाली
सौर ऊर्जा को सही लागत पर बिजली में बदलने के लिये कुछ समय पहले पूर्वी इंग्लैण्ड में कैम्ब्रिज स्थित एक कम्पनि 'सोलरजेन' ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है, जो सूरज की ऊर्जा को बहुत कम ख़्ार्च में ही बिजली में बदल देती है। दूरदराज के गाँव, जहाँ बिजली नहीं पहुँच पाती, वहाँ यह उपकरण आसानी से लगाया जा सकता है। सोलरजेन प्रणाली में एक जगह पर जमाए गए अवतल दर्पणों का उपयोग होता है, जो सूरज की किरणों को ग्रहण कर एक बिन्दु पर सकेन्द्रित कर देते हैं। इस तरह 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान पर हवा को गर्म कर सौर ऊर्जा प्रणाली में खींच लिया जाता है। यह गर्म हवा परम्परागत गैस टरबाइन चलाती है। सोलरजेन गैस टरबाइन के उपयोग से ठण्डे प्रदेशों में सौर ऊर्जा से बिजली बनाई जा सकती है। बेहद कम ख़्ार्चे पर काम करने वाले इस उपकरण का उपयोग गाँवों तथा शहरों में खूब किया जाता है। इसका प्रयोग बिजली बनाने के अलावा खारे पानी को मीठा बनाने तथा प्रशीतन के लिये भी किया जाता है।
:::
आज यहाँ लगेगा गृहकर वसूली कैम्प
रविवार (23 ़फरवरी) को महानगर के अलग-अलग क्षेत्रों में सुबह 9 बजे से अपराह्न 2 बजे तक गृहकर वसूली कैम्प लगेंगे।
0 कर अधीक्षक योगेन्द्र सिंह की देखरेख में वॉर्ड नम्बर 9 खुशीपुरा क्षेत्र का कैम्प खुशीपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय के पास लगेगा।
0 कर अधीक्षक आनन्द कुमार सिंह की देखरेख में वॉर्ड नम्बर 53 आ़जादगंज क्षेत्र का कैम्प मसीहागंज स्थित पार्षद बालस्वरूप साहू के मकान के पास लगेगा।
0 कर अधीक्षक हरीश वर्मा की देखरेख में वॉर्ड नम्बर 45 शिवाजी नगर क्षेत्र का कैम्प ओम शान्ति नगर के पास लगेगा।
0 कर अधीक्षक पुष्पराज गौतम की देखरेख में वॉर्ड नम्बर 12 तालपुरा क्षेत्र का कैम्प तालपुरा स्थित नेहरू पार्क के पास लगेगा।
0 कर अधीक्षक चन्द्रिका सिंह की देखरेख में वॉर्ड नम्बर 21, 25, 28 नैनागढ़ क्षेत्र के लिए कैम्प नैनागढ़ स्थित शंकर जी के मन्दिर के पास लगेगा।
:::
आज का इतिहास
0 1919 को इटली में बेनिटो मुसोलिनी द्वारा फासिस्ट पार्टी का गठन किया।
0 1947 को अन्तर्राष्ट्रीय मानकीकरण (आइएसओ) की स्थापना की गई।
0 2010 को भारत के मशहूर चित्रकार एमएफ हुसैन को कतर की नागरिकता प्रदान की गई।
0 1969 को आज के ही दिन भारतीय सिनेमा की मशहूर अदाकार मधुबाला की निधन हो गया।
0 2004 को भारतीय सिनेमा के निर्माता, निर्देशक व अभिनेता विजय आनन्द का निधन हो गया।
फाइल : शिखा पोरवाल
समय : 4.00
22 ़फरवरी 2014