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    बादशाहपुर रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं का टोटा

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    Updated: Fri, 15 Nov 2013 07:18 PM (IST)

    मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर) : औद्योगिक क्षेत्र सतहरिया में उद्योग लगाने का इरादा लेकर निकटवर्ती रेलवे स्टेशन बादशाहपुर पहुंचते ही उद्यमियों का इरादा बदल जाता है।

    स्टेशन पर दु‌र्व्यवस्था देख सीडा में उद्योग लगाने का सपना टूटकर बिखर जाता है। ट्रेन से उतरते ही उसके टूटे प्लेटफार्म के गड्ढों में पड़कर लड़खड़ा जाते हैं। बगैर दरवाजे का शौचालय प्रयोग करना पड़ता है। जर्जर हो चुकी मालगोदाम पर नजर पड़ते ही उद्यमी उद्योग लगाने का हसीन सपना छोड़ वापस लौटने का इरादा बना लेता है।

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    उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र की गणना नोएडा के बाद दूसरे स्थान पर होती है लेकिन इस क्षेत्र तक पहुंचने के लिए निकटवर्ती रेलवे स्टेशन जितना बदहाल है इतनी दु‌र्व्यवस्था शायद किसी औद्योगिक क्षेत्र के निकटवर्ती रेलवे स्टेशन पर नहीं होगी जहां यात्रियों के लिए बने शौचालय में दरवाजा तक नहीं है, प्लेटफार्म पर गढ्डे बने हैं, मालगोदाम जर्जर हो चुका है जो कभी भी जमींदोज हो सकता है। पेयजल व्यवस्था के लिए प्लेटफार्म पर लगे हैंडपंप का चबूतरा नहीं बना है जहां कीचड़ रहता है। स्टेशन पर कभी कोई सुरक्षा कर्मी भी नहीं नजर आता।

    स्टेशन पर आधा दर्जन महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव भी नहीं होता। कहा जा सकता है कि रेलवे स्टेशन बद इंतजामी, बदहाली औद्योगिक क्षेत्र विकास में बाधक बन रही है।

    इन ट्रेनों का नहीं है ठहराव

    वाराणसी-लखनऊ : इंटरसिटी एक्सप्रेस

    गरीब रथ : सप्ताह में तीन दिन

    नीलांचल : सप्ताह में तीन दिन

    अर्चना एक्सप्रेस : सप्ताह में दो दिन

    फरक्का एक्सप्रेस : सप्ताह में दो दिन

    मरुधर : सप्ताह में एक दिन

    हावड़ा-लालकुंआ : एक दिन

    हावड़ा-जैसलमेर : एक दिन

    ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर हुआ आंदोलन

    वाराणसी-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस, गरीब रथ, नीलांचल एवं अर्चना एक्सप्रेस के ठहराव की मांग लंबे समय से की जा रही है। जनप्रतिनिधियों ने भी ट्रेनों के ठहराव का आश्वासन दिया लेकिन कोरा साबित हुआ। ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने 2010 में स्टेशन पर पहुंचे मण्डल प्रबंधक का घेराव कर मांग पत्र दिया। 30 अक्टूबर 2013 को चेयरमैन कपिलमुनि के नेतृत्व में ट्रेन रोको आंदोलन किया गया। एसडीएम के हाथ रेल मंत्रालय को ज्ञापन भेजा गया।

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