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जमैथा में परशुराम ने की थी मां रेणुका की हत्या

By Edited By: Published: Wed, 16 Oct 2013 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2013 09:52 PM (IST)
जमैथा में परशुराम ने की थी मां रेणुका की हत्या

अखिलेश सिंह

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जफराबाद (जौनपुर): जनपद मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर जमैथा गांव में अ‌र्द्ध चंद्रमा के आकार में गोमती नदी के किनारे स्थित अखड़ो माता धाम जिसका इतिहास भगवान राम व महर्षि यमदग्नि तथा परशुराम से जुड़ा है। यहीं पर परशुराम ने अपनी मां रेणुका की हत्या कर पुन: जीवित करने का वरदान प्राप्त कर मां के कर्ज से मुक्ति पाया था।

किंवदंती है कि जनपद का नाम पूर्व में यमदग्निपुरम था। फिर यमनपुरी के बाद जमनपुर और जौनपुर हो गया। जमनपुर से जमैथा गांव का भी नाम पड़ा। इस गांव में गोमती के किनारे परशुराम के पिता यमदग्नि ऋषि की तपोभूमि थी। नाराज परशुराम के पिता यमदग्नि ने अपने सभी पुत्रों से बारी-बारी अपनी मां रेणुका का सिर धड़ से अलग कर देने को कहा। जिसमें परशुराम ने पिता की आज्ञा का पालन किया और यहीं पर माता रेणुका का सिर काटकर हत्या कर दिया। आज्ञा का पालन देख प्रसन्न पिता से मां को पुन: जीवित कर देने का वरदान मांगकर जीवित कर दिया। परशुराम ने अपनी मां के लिए पिता से अखंड का वरदान मांगा। जिससे माता रेणुका को अखंडो देवी कहा जाने लगा। अखड़ो देवी अर्थात अखंडी देवी मां रेणुका हैं। जिनकी पूजा आज भी जमैथा गांव में की जाती है।

यहां दो बार आए थे भगवान राम

जफराबाद (जौनपुर): जमैथा गांव की मिंट्टी पावन है क्योंकि यहां भगवान राम ने यमदग्नि की तपोभूमि पर दो बार अपना पांव रखा था। पहली बार अपने गुरु वशिष्ठ के साथ बचपन में राजा कीर्तिवीर जो यमदग्नि के तप को भंग करता था उसका वध करने और दूसरी बार 14 वर्ष का वनवास जाते समय यमदग्नि से मिलते हुए गए। कहते हैं कि उसी समय गोमती के जिस तट पर स्नान किया था जिसका नाम रामघाट पड़ा।

बाबा परमहंस ने यहीं ली समाधि

जफराबाद (जौनपुर): अठारहवीं शताब्दी में यमदग्नि की तपोभूमि जमैथा में बाबा परमहंस का आगमन हुआ। यहीं रहकर वह अपनी साधना करते रहे। सन् 1904 में आल्गहन माह में उन्होंने पद्मासन लगाकर अपनी नाभि से अग्नि पुंज प्रज्ज्वलित कर खुद को अग्नि में समाहित कर लिया। कालांतर में स्वप्न आने पर गांव निवासी वरिष्ठ चिकित्सक डा.विनोद कुमार सिंह के दादा चौहरजा सिंह ने यहां बाबा परमहंस की समाधि स्थल बनवाया। जहां लोग मुराद मांगते हैं। वर्तमान में यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया है जो अत्यंत सुंदर है। इसमें राम, लक्ष्मण, हनुमान, शिव, मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है।

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