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    गोरखपुर के गोला थाने में रिश्वत लेते एचसीपी रंगेहाथ गिरफ्तार

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 04 Aug 2016 10:38 PM (IST)

    गोला थाने में तैनात एचसीपी राजेंद्र पांडेय को उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान, गोरखपुर की विजिलेंस टीम ने दस हजार रुपये रिश्वत रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।

    गोरखपुर (जएनएन)। गोला थाने में तैनात एचसीपी (हेड कांस्टेबल प्रोन्नत वेतनमान) राजेंद्र पांडेय को उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान, गोरखपुर की टीम (विजिलेंस टीम) ने आज दस हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। एक मुकदमे में दोनों पक्षों के बीच कोर्ट में समझौते के बाद फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए उन पर रिश्वत लेने का आरोप है। विजिलेंस टीम के इंस्पेक्टर राजहंस शुक्ल की तहरीर पर एचसीपी के खिलाफ गोला थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।

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    जानीपुर निवासी राजेश कुमार भाटिया ने एसपी विजिलेंस कुशहर सौरभ से बीते दो अगस्त को मुलाकात कर एचसीपी पर एक मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने के लिए दस हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। एसपी विजिलेंस ने एचसीपी को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार करने के लिए टीम गठित की थी। टीम की योजना के मुताबिक राजेश भाटिया गुरुवार को दिन में 3.30 बेज गोला थाने में पहुंचे। विजिलेंस टीम ने इससे पहले ही उनके द्वारा उपलब्ध कराई नोट की गड्डी पर विशेष किस्म का रसायन लगा दिया था। एचसीपी के नोट की गड्डी पकड़ते ही थाना परिसर में मौजूद विजिलेंस टीम के सदस्यों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और तलाशी लेकर रिश्वत में ली गई रकम कब्जे में ले ली।

    इस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगाने को मांगी थी रिश्वत

    राजेश कुमार भाटिया के छोटे भाई ब्रजेश की पत्नी प्रतिमा ने इस साल 18 मई को गोला थाने में तहरीर देकर ससुराल वालों पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया था। गोला पुलिस प्रतिमा के ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कर रही थी। इस बीच परिवार परामर्श न्यायालय में तीन जुलाई को प्रतिमा का ससुराल वालों से समझौता हो गया। इसी समझौते के आधार पर राजेश, गोला थाने में दर्ज मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगवाना चाह रहे थे। इसके लिए एचसीपी ने उनसे दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।

    दस हजार रुपये पहले भी वसूल चुका था एचसीपी

    ससुराल वालों के खिलाफ प्रतिमा द्वारा दी गई तहरीर की जांच की जिम्मेदारी एचसीपी राजेंद्र पांडेय को मिली थी। तहरीर मिलने के दिन ही उन्होंने छापेमारी कर राजेश भाटिया को हिरासत में ले लिया था लेकिन आरोप है कि बाद में दस हजार रुपये घूस लेकर उन्होंने उन्हें थाने से ही छोड़ दिया था।