लोगों ने पूछे, कहां मिलेंगे पौध, कैसे करें पौधरोपण
-प्रश्न पहर में लोगों ने हासिल की पौधे प्राप्त करने के लिए नर्सरियों की जानकारी
-पेड़ों की कटान और अवैध आरा मशीनों के खिलाफ भी की गई शिकायतें
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में गुरुवार को मुख्य वन संरक्षक आरआर जमुआर जनता के सवालों से रूबरू हुए। गोरखपुर एवं बस्ती मंडल के अनेक लोगों ने उनसे पौधे की उपलब्धता, पौधरोपण के तरीके, पौधों के संरक्षण और उससे जुड़ी समस्याओं के बारे में सीधी बातचीत की। वन संरक्षक ने सभी प्रश्नकर्ताओं को न सिर्फ ध्यान से सुना बल्कि उन्हें अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी। उनका सहयोग किया गोरखपुर के एसडीओ वन जीसी सिन्हा ने। मुख्य वन संरक्षक ने शिकायत कर्ताओं को अपना नंबर दिया तथा कहा कि पौधरोपण के बारे में कोई भी दिक्कत हो सीधे संपर्क करें। उन्होंने बताया कि पौधों की कमी नहीं है। बेहद कम दर पर सभी को वन विभाग की नर्सरी में पौधे मिल रहे हैं।
प्रश्न पहर में पहला सवाल चरगांवां के गोपाल चतुर्वेदी ने किया तथा कम्पियरंग रेंज में पौधे न मिलने की समस्या बताई। मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि वे जिस नर्सरी की बात कर रहे हैं वहां पौधे बेचे नहीं जाते। पास में ही दूसरी नर्सरी से पौधे ले सकते हैं।
देवरिया के ग्राम पाडेयपुर के सिंहासन ने छिटफुट पेड़ का आशय पूछा और पौधे लगाने के लिए जानकारी मांगी। मुख्य वन संरक्षक ने उन्हें विस्तार से बताया तथा कहा कि यदि उनके खेत में आम का पेड़ पुराना है तो वह खतौनी में छिटफुट पेड़ के नाम से दर्ज होगा।
कुशीनगर के जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक मुहम्मद तारिक ने कहा कि उनके विद्यालय परिसर में काफी जमीन है, जहां पौधे लगाना चाहते हैं, लेकिन समीप के अर्जुनहा नर्सरी से पौधे नहीं मिल रहे। आरआर जमुआर ने उन्हें बमताया कि वे डीएफओ को इसके लिए आवेदन दे दें। शीघ्र वहां पौधे लगवाए जाएंगे।
पीपीगंज से शमशाद आलम ने पूछा कि सागौन के पौधे कहां से लें, उन्हें संरक्षित करने के लिए कौन खाद कैसे दी जाए। उन्हें बताया गया कि वानिकी पौधों में खाद की कोई खास जरूरत नहीं होती। लगाते समय ही गड्ढे में खाद दी जाती है। इसके बाद तो देखभाल के साथ साथ गुड़ाई और कटाई होती रहे तो पौधे स्वत: बढ़ते रहेंगे। पीपीगंज के करीब वन विभाग की नर्सरी है, वहां से पौधे सस्ते दर पर मिलेंगे।
वार्ड 9 के पार्षद पुत्र चंदू ने शिकायत की कि खजांची चौराहे से सेंटपाल तक सड़क के किनारे वृक्ष पुराने हो गए हैं। वे टूटकर गिरते रहते हैं जिससे खतरा है। उन्हें कटवाकर नए पौधे लगाने चाहिए। जवाब में उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान दिया जाएगा।
गोरखनाथ क्षेत्र से पंकज चौधरी ने शिकायत की कि वहां 20 से अधिक आरा मशीनें चल रही हैं, जिन पर अवैध लकड़ी का कारोबार होता है। मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि वे इस मामले की जांच कराएंगे। उरुवा डाढ़ापार खुर्द के सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें एक एकड़ खेत में पौधे लगाने हैं, कहां से मिलेंगे। उन्हें बताया गया कि गोविंदपुर नर्सरी से पौधे ले सकते हैं। पौधे लगाने की तकनीक वन विभाग के लोग बताएंगे।
सेवानिवृत्त कैप्टन सीएम सिंह ने पूछा कि सिक्टौर में खाली जमीन एवं हरनही के पास बघैला गांव में पौधे लगाना है, कहां से मिलेगा। उन्हें बताया गया कि सिक्टौर के लिए पास में खोराबार के रामगढ़ बीट नर्सरी से और हरनही के लिए खजनी से पौधे लें। डुमरियागंज सिद्धार्थनगर के डेहरीखास से पुरनवासी ने पौधे के बीच की दूरी आदि के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही हाइब्रिड यूकेलिप्टस के बारे पूछा कहां मिलेंगे?
हाइब्रिड यूकेलिप्टस के बारे में बताया गया कि ऐसे पौधे तो लुधियाना में तैयार होते हैं। यदि कई लोग लागने को तैयार हों तो हमारे कार्यालय गोरखपुर आइए। वहां से बात करके मंगा दिया जाएगा।
मेंहदावल संतकबीरनगर के इमान करीम अंसारी को पौधों के लिए नजदीक की नर्सरी में संपर्क करने को कहा गया। रामनगर रजही से रणविजय ने जंगल रजही बीट के हिरणों की मौत और बाड़ न होने के साथ विनोद वन की दुर्दशा की शिकायत की।
मुख्य वन संरक्षक ने उन्हें बताया कि जंगल से जुड़े आबादी क्षेत्र में बाड़ लगवाएंगे। विनोद वन के लिए फिलहाल कोई बजट नहीं है, लेकिन झूला वगैरह ठीक करायेंगे। कुशीनगर ग्राम गौरीजगदीशपुर से उमेश यादव को साखू के पौधरोपण की जानकारी दी गई। सिद्धार्थनगर से रामसमुझ ने अपने पेड़ों की सुरक्षा के बारे जानकारी ली।
बड़हलगंज तीहामुहम्मदपुर के उपेन्द्र राय व शैलेन्द्र पिंटू ने पौधे के बारे में जानकारी ली। फर्टिलाइजर से योगेन्द्र यादव, सुकरौली से विनय, देवरिया से प्रभुदयाल कुशवाहा ने पौधों के मूल्य की जानकारी मांगी। निचलौल से संदीप वर्मा ने पूछा कि तीन साल पूर्व उन्होंने चार-चार फीट पर सागौन लगाया है लेकिन उनकी अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही। उन्हें बताया गया कि पौधों की दूरी कम है। 6 साल हो जाए तो बीच के एक-एक पेड़ निकाल दें। देवरिया राघवनगर से ब्रजेन्द्र राय लवली ने पर्यावरण के लिए अच्छे काम करने वालों के प्रोत्साहन के बारे में पूछा। उन्होंने बताया गया कि इसके लिए शासन की तरफ से बीर अब्दुल हमीद पुरस्कार सहित कई पुरस्कार दिए जाते हैं। इसके लिए फाइल बनाकर विभाग को आवेदन करना होता है।
चौरीचौरा के घनश्याम जायसवाल ने वृक्षों की कटान और खाली हो रहे जंगल व जमीन के बारे में शिकायत की।
पिंडी देवरिया के ब्रजेश दूबे ने कहा कि वन विभाग पौधे लगाता है पर सुरक्षा का ध्यान नहीं है। हुमायूंपुर महेन्द्र साहनी पर्यावरण के लिए काम करने की इच्छा जताई। धनंजय सिंह मदरिया, रामप्रकाश त्रिपाठी सहजनवां, सुषमा त्रिपाठी सहजनवां ने बंदर के आतंक की शिकायत की। न्यू कालोनी देवरिया के कमल कुमार मिश्र ने कहा कि जितना पौधे लगाने की चर्चा होती है उस अनुपात में हरियाली नहीं दिखती। जवाब में उनसे कहा गया कि जब सब लोग मिलकर इस दिशा में काम करेंगे तो पौधे सुरक्षित रहेंगे और हरियाली दिखेगी।
गोरखपुर से एडवोकेट एसए अब्बासी ने कहा कि 10 साल पूर्व सागौन लगाये हुए। अभी 20 फिट के ही हुए हैं क्या करें। हाइटेक पौधे कहा मिलेंगे? उन्हे बताया गया कि उनके पौधों की ग्रोथ अच्छी है। हाइटेक पौधे गोरखपुर में मिलेंगे। पोखरीगांव के राजू चंद ने मझगांवां से लेकर डड़वापार तक सड़क पर पौधे लगवाने की मांग की। मिठौरा महराजगंज से ज्ञानेन्द्र पटेल ने शिकायत की कि यहां एक व्यक्ति आरा मशीन पर अवैध लकड़ी का कारोबार करते हैं। तमकुही रोड से मारकंडेय वर्मा ने पूछा कि चर्चा है कि उत्तराखंड की समस्या को पर्यावरण से छेड़छाड़ का नतीजा बताते हुए सवाल किया। खड्डा से झुलनीपुर नहर के किनारे लगे पौधे काटने की शिकायत कुशीनगर से प्रदीप श्रीवास्तव ने की, जिसकी जांच कराने की बात कही गई।
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एक पेड़ के बदले दो पौधे लगाना होगा
कई प्रश्नकर्ताओं ने पुराने फलदार पेड़ों को कटवाकर नए पेड़ लगाने के बारे में भी मुख्य वन संरक्षक से सवाल किए। जवाब में उन्होंने पेड़ काटने व बेचने की प्रक्रिया के बारे में बताया। खासतौर से इस नियम पर जोर दिया कि एक पेड़ काटने की अनुमति तभी मिलेगी जब उसकी जगह दो पौध लगाने की गारंटी देंगे। इस परमिट के लिए विभाग में 200 रुपये जमा करने होंगे। दो पौध लगाने की रसीद दिखाने पर 100 रुपये वापस कर दिए जाते हैं। जो लोग पौध नहीं लगाते हैं उनके 100 रुपये से वन विभाग खुद किसी स्थान पर पौधे लगाकर इसकी भरपाई करता है।
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खेत में सागौन के पौध लगाना ठीक रहेगा
शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर से निराला मौर्या ने पूछा कि पर्यावरण की दृष्टि से कौन पौधे बेहतर रहेंगे। घर पर और खेत में कौन पौधे लगायें?
मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि घर पर शोभाकार और छायादार वृक्ष लगा सकते हैं, जबकि खेत के लिए सागौन बेहतर रहेगा। सागौन की टिम्बर प्रजाति के पौधे बेहतर रहेंगे।
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पौधे सूख रहे हैं तो मिट्टी की जांच कराएं
मनिकापुर नौतनवां महराजगंज से कमलनाथ त्रिपाठी ने पूछा कि उन्होंने 1997 में 600 पौधे लगाए थे। 16 साल बाद बड़ी संख्या में पौधे सूखकर गिर रहे हैं, क्या करें? श्री जमुआर ने बताया कि यह समस्या शीशम में अधिक आती है। मिट्टी में फंगस अटैक, या निचली सतह कंकरीली होगी। जहां जड़ें नीचे नहीं जा रही होंगी, कीड़े भी लग सकते हैं। इसके लिए मिट्टी की जांच कराएं, या डीएफओ महराजगंज से संपर्क करें।
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