Move to Jagran APP

वास्तुकला का सर्वोत्तम नमूना है पृथ्वीनाथ मंदिर

By Edited By: Published: Sun, 28 Jul 2013 10:31 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2013 10:32 PM (IST)
वास्तुकला का सर्वोत्तम नमूना है पृथ्वीनाथ मंदिर

गोंडा)

loksabha election banner

स्थानीय कस्बे से पश्चिम तीन किलोमीटर दूरी पर स्थापित पृथ्वीनाथ मंदिर वास्तुकला का सर्वोत्तम नमूना है। इस मंदिर में स्थापित शिव लाट विश्व की सबसे ऊंची शिवलाट बताई जाती है जिसे द्वापर युग में पांडवों के अज्ञातवास के दौरान भीम ने स्थापित किया था।

जिले की पृथ्वीनाथ मंदिर उन विशाल धरोहरों में शुमार है जिसकी वजह से देश ही विश्व में अलग पहचान मानी जाती है। मंदिर की खासियत है विशाल शिवलाट जिसे विश्व की सबसे ऊंची शिवलाट बताया जाता है। लखौरी जैसे दुलर्भ पत्थरों से निर्मित छह फीट ऊंची विशाल शिवलाट का निर्माण गुप्त काल के समय कराया गया। मान्यता है कि प्राचीन काल के द्वापर युग में अज्ञात वास के दौरान पांडवों ने क्षेत्र में शिवलिंगों की स्थापना की थी। भीम ने पृथ्वीनाथ, अर्जुन में पचरननाथ व बहराइच के विशेश्वरगंज इमरती में नकुल व सहदेव शिवलिंग स्थापित किए थे। मुगलकाल में किसी सेनापति ने पूजा कर पृथ्वीनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। प्रत्येक कजली तीज, शिवरात्रि व जेठ दशहरा को मेला लगता है। यही नहीं हर तीसरे वर्ष पड़ने वाले मलमास में एक माह का मेला लगता है। श्रावण माह में प्रत्येक शुक्रवार व सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है। शिवलाट का जलाभिषेकर परिक्रमा करने के लिए जिले के अलावा दूसरे जिलों व प्रांतों से लोग आकर मनौतियां मानते हैं। लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होने के साथ यह मंदिर वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। प्राचीनकाल में निर्मित यह मंदिर इतनी ऊंचाई पर है, चाहे जितनी वर्षा हुई हो लेकिन आज तक मंदिर के द्वार तक पानी नहीं पहुंचा। मंदिर में शिवलाट के अलावा अन्य देवीदेवताओं की मूर्तियां भी शिल्पकला का श्रेष्ठ उदाहरण हैं। इन्हें देखकर ऐसे लगता है कि जैसे वे सजीव हो और कुछ कहना चाह रही हैं। सामान्य दिनों में मंदिर के कपाट चार बजे सुबह खुल जाते हैं लेकिन मेला वाले समय में रात बारह बजे से ही पूजा अर्चना शुरू हो जाती है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.