प्याज के पौधों में झुलसा रोग, किसान चिंतित
मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : करइल इलाके में व्यापक पैमाने पर होने वाली प्याज की खेती होती है। हालांकि इस बार प्याज के पौधों में झुलसा रोग लगने से पैदावार चौपट होने का अंदेशा है।
मसूर की तरह फायदेमंद मानी जाने वाली प्याज की खेती लगभग एक हजार बीघा भू-भाग पर की गई हैं। खरडीहा, अमरूपुर, लौवाडीह, जोगा मुसाहिब, गोड़ी, खैराबारी, मिश्रवलिया, वीरभानपुर आदि के किसान प्याज की खेती किए हैं। दिसंबर व जनवरी तक प्याज की रोपाई शुरू होती है। मई में कोदाई कर तैयार प्याज निकाला जाता है। झुलसा रोग व फिट्स नामक कीटाणु के प्रकोप से पौधों का ऊपरी हिस्सा सूख रहा हैं। इससे किसान चिंतित हैं। अवथही के कमलेश राय, अमरूपुर के सतीश राय, खरडीहा के संजय, मिश्रवलिया के कामेश्वर नाथ मिश्र, जोगामुसाहिब के सिंटू राय ने कहा कि इस खेती से उनको अच्छी आमदनी हो जाती है। इस वर्ष प्रकृति के साथ देने के बावजूद पौधों के रोगग्रस्त होने से पौधों को बचाना काफी अहम हो गया हैं। कहा कि जो पौधे अभी कम समय के हैं उन पर तो दवा का छिड़काव किया जा सकता है। दिक्कत यह है कि जो तैयार होने के कगार पर पहुंच गए है उन पर दवा भी काम नहीं करेगी।
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