83 साल के बुजुर्ग ने सीएम योगी को लिखा खत, मांगी आत्महत्या की अनुमति
गाजियाबाद के रजापुर निवासी 83 वर्षीय फेरूमल वर्मा ने सिस्टम पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आत्महत्या की अनुमति मांगी है। ...और पढ़ें

गाजियाबाद [जेएनएन]। सूचना के अधिकार के प्रति सरकारी विभागों में सुधार नहीं आ रहा है। 45 वर्ष पूर्व अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर त्याग पत्र देने वाले कर्मचारी को अभी तक न्याय नहीं मिल सका है। बुजुर्ग हो कर्मचारी ने सिस्टम पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आत्महत्या की अनुमति मांगी है।
अधिकारी ने किया शोषण
गाजियाबाद के रजापुर निवासी 83 वर्षीय फेरूमल वर्मा का कहना है कि 45 साल पूर्व 1972 में वह मेरठ में गन्ना विभाग के दफ्तर में कर्मचारी थे। उनका आरोप है कि तत्कालीन जिला गन्ना अधिकारी ने उनका शोषण किया। उनके अत्याचार से तंग आकर उन्होंने 3 दिसंबर 1972 में सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया कि उनकी नौकरी खतरे में है।
अधिकारी ने पांच सौ रिश्वत मांगी
वर्मा का कहना है कि जिला गन्ना अधिकारी ने उनसे पांच सौ रिश्वत मांगी। सरकार से मामले की जांच कराने की मांग 21 मई 1973 को की, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। कोई कार्रवाई नहीं होने व अत्याचार से त्रस्त होकर उन्होंने 20 अगस्त 1973 को राज्यपाल से मामले की जांच कराने की मांग की। इसके बाद न्याय मिलने की बजाय उन्हें बाहर कर दिया गया। उन्होंने 17 सितंबर तक काम किया लेकिन 31 अगस्त को उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं।
योगी सरकार को पत्र लिखकर आत्महत्या की अनुमति मांगी
वर्मा का कहना है कि जब उन्होंने 17 सितंबर तक काम किया तो किस हिसाब से उनकी सेवाएं 31 अगस्त को समाप्त कर दी गईं इसका जवाब आज तक कोई सरकार नहीं दे पाई। वर्मा ने मामले में कोर्ट में भी केस कर रखा है। अब तक पांच बार ई-मेल से सूचना के अधिकार के तहत जवाब मांगा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर सिस्टम पर सवाल उठाते हुए उन्होंने योगी सरकार को पत्र लिखकर आत्महत्या की अनुमति मांगी है।

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