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    अखिलेश V/S मुलायमः SP कुनबे की रार से समर्थकों में भ्रम, प्रत्याशी मायूस

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Wed, 11 Jan 2017 07:38 AM (IST)

    लोगों की इच्छा है कि जल्द ही ये मामला निपट जाए और चुनाव में उनके पक्ष में प्रचार के लिए अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव दोनों ही क्षेत्र में आएं। ...और पढ़ें

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    गाजियाबाद (राज कौशिक)। सपा कुनबे में चल रही रार से पार्टी के प्रत्याशी व पदाधिकारी मायूस हैं। प्रत्याशी समझ नहीं पा रहे कि इस विवाद के साथ किस तरह से चुनाव में जाएंगे। पदाधिकारी हताश हैं कि विवाद को लेकर चटकारे ले रहे अन्य दलों के लोगों व सामान्य जनमानस को क्या जवाब दें।

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    चुनाव को लेकर किसी समय सपा कितने गंभीर थी, इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि सबसे पहले करीब सात माह पहले ही उसकी तरफ से ही प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई थी।

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    गाजियाबाद से डा.सागर शर्मा, साहिबाबाद से राशिद अली, लोनी से ईश्वर मावी, मुरादनगर से दीशांत त्यागी और मोदीनगर से रामआसरे शर्मा को प्रत्याशी बनाया गया था। उस समय तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव व चाचा शिवपाल यादव के बीच कोई झगड़ा जाहिर नहीं हुआ था।

    सभी प्रत्याशी अपने क्षेत्रों में चुनाव की तैयारी में भी लगे थे। पिछले महीने झगड़ा बढ़ने पर दूसरी सूची जारी हुई तो लोनी से ईश्वर मावी के स्थान पर साहिबाबाद के राशिद को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। दो दिन बाद साहिबाबाद से वीरेंद्र यादव को प्रत्याशी बना दिया गया।

    इस फेरबदल और लखनऊ में चल रही कलह की दलदल को लेकर प्रत्याशियों में मायूसी है। उन्हें भरोसा था कि मुलायम सिंह यादव के प्रति मुस्लिमों का अपनापन और अखिलेश यादव के सरकार चलाने के तरीकों से गैर सपाई लोगों के बीच भी बढ़ी उनकी लोकप्रियता का लाभ उन्हें चुनाव में मिल सकेगा।

    सपा के परंपरागत वोट और प्रत्याशियों के अपने समाज का समर्थन मिलाकर वो चुनावी लड़ाई में मुकाबले में आ सकते हैं। मगर पिता-पुत्र के बीच की लड़ाई ने उन्हें हताश कर दिया है। प्रत्याशियों का मानना है कि मुलायम सिंह और अखिलेश यादव की मिलीजुली ताकत चुनाव में उन्हें ज्यादा लाभ पहुंचा सकती है।

    प्रत्याशियों की तरह पदाधिकारी भी मायूस हैं। झगड़े को लेकर गैर सपाई लोगों के कटाक्ष का उनके पास कोई जवाब नहीं है। जितने मुंह उतनी बातें। पदाधिकारी कहें तो कहें क्या। उन्हें खुद नहीं पता कि जो हो रहा है, उसका समाधान क्या और कब होगा।

    प्रत्याशियों और पदाधिकारियों की इच्छा है कि जल्द ही ये मामला निपट जाए और चुनाव में उनके पक्ष में प्रचार के लिए अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव दोनों ही क्षेत्र में आएं।