स्वाइन फ्लू से एक और युवक की मौत
जागरण संवाद केंद्र, गाजियाबाद
जिले में लगातार स्वाइन फ्लू से लोग मर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और निजी अस्पतालों में तालमेल का सामंजस्य नहीं बन पा रहा है। जिससे स्वास्थ्य विभाग सिर्फ लकीर पीटता रहता है। स्वाइन फ्लू से एक और युवक मौत हो गई। अब जिले में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है, जबकि दो लोगों का इलाज दिल्ली के अस्पतालों चल रहा है।
मसूरी निवासी 26 वर्षीय जाकिर के गले में दर्द व बुखार होने पर परिजनों ने सर्वोदय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सोमवार की रात दो बजे उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि निजी लैब में जांच के बाद मामले की पुष्टि हुई है। इसके अलावा विजय नगर के सेक्टर नौ में रहने वाली एक महिला नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती थी, जहां हालात गंभीर होने पर परिजनों ने उसे दिल्ली डा.राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया है, जबकि खोड़ा में रहने वाले संजीव चौबे की हालात अभी भी गंभीर बनी है, वह डा. लोहिया अस्पताल में वेंटीलेटर पर है।
अस्तपाल में नहीं है आइसोलेशन वार्ड, जारी होगी नोटिस
सीएमओ डा.अजेय अग्रवाल का कहना है कि जिन अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड नहीं है, उन अस्पतालों में किसी संदिग्ध मरीज का इलाज करने से अन्य मरीजों को भी स्वाइन फ्लू होने का खतरा है। सीएमओ का कहना है कि यदि किसी भी निजी अस्पताल में कोई संदिग्ध मरीज इलाज के लिए जाता है तो अस्पताल संचालक व स्टाफ मरीज के अन्य परिजनों को एमएमजी अस्पताल में दवा लेने के भेजने के साथ ही अस्पतालों को सूचित करना होगा। उन्होंने बताया कि जिन अस्पतालों ने स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीजों को दिल्ली रेफर किया है और स्वास्थ्य विभाग को सूचित नहीं किया है, सभी को नोटिस जारी किया जाएगा।
उठ गया परिवार का सहारा
मसूरी में एनटीपीसी रोड पर रहने वाले जाकिर के पिता की मौत कई वर्ष पहले हो चुकी थी। घर में मां साबो, पत्नी खुशनुमा व डेढ़ वर्ष की बेटी है। वह गाजियाबाद में बेल्डिंग कर परिवार का गुजारा करता था। परिजनों का कहना था कि जाकिर की स्थिति गंभीर होने से सर्वोदय अस्पताल में वेंटीलेटर पर रखा गया, जिससे तीन दिन में ही सत्तर हजार रुपये का खर्च हो गए।
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