अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति लगवाएगा शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड
गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखते हुए उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा लगवाने में सहयोग की पेशकश की।
लखनऊ (जेएनएन)। गंगा-जमुनी तहजीब को कायम रखते हुए उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा लगवाने में सहयोग की पेशकश की। बोर्ड ने अयोध्या में एशिया की सबसे बड़ी भगवान राम की प्रतिमा लगवाने के उप्र सरकार के निर्णय को सराहनीय बताया।
शिया वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसमें बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी ने आपसी बातचीत से 2018 में अयोध्या मामले का हल निकलने की उम्मीद जताते हुए कहा कि भगवान राम की भव्य मूर्ति प्रदेश का गौरव बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि अवध के नवाबों की हुकूमत में अयोध्या में स्थित मंदिरों का सम्मान किया गया। नवाब शुजाउद्दौला ने हनुमानगढ़ी मंदिर के लिए वर्ष 1739 से 1754 के मध्य अयोध्या में भूमि दी और निर्माण के लिए फंड भी दिया था।
इसका उल्लेख अवध के इतिहास की किताबों में मौजूद है। बाबरी मस्जिद राम जन्मभूमि विवाद की तरह एक मामला नवाब वाजिद अली शाह के समय में भी अयोध्या में हुआ था, जिसकी जांच के लिए नवाब ने एक कमेटी गठित की थी। साथ ही मुजतहिद सैयद मुहम्मद नसीराबादी और फरंगी महल से फतवा लिया था।
जिसमें कहा गया था कि विवादित स्थल पर मस्जिद बनाया जाना इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। चेयरमैन ने कहा कि बोर्ड अयोध्या मामले को बातचीत से सुलझाने के लिए सक्रिय है। बोर्ड ने इस संबंध में सभी पक्षकारों से बात भी कर ली है। उच्च न्यायालय में बोर्ड अपना पक्ष भी रख चुका है।
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