काश! इमानदारी से होती यह पहल
फैजाबाद, 14 जून को विश्वरक्तदाता दिवस है, पर इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने की कोई योजना ही नहीं बनी है, जबकि एक माह तक अभियान चलाकर जागरूकता पैदा की जानी चाहिए थी। यह हाल तब है जब यहां के युवा रक्तदान के लिए आगे आते रहे हैं और ब्लड बैंक भी चालू दशा में है। आए दिन दुर्घटनाओं के शिकार लोग खून के अभाव में दमतोड़ देते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रक्तदान के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए एक माह अभियान चलाने का निर्देश दे चुका है। यह अभियान 14 जुलाई तक चलाया जाना है। जिले में यह जिम्मेदारी जिला एड्स नियंत्रण सोसाइटी की है कि वह सर्वाधिक बार रक्तदान करने वालों को सूचीबद्ध कर सम्मानित करे। पंफलेट, पोस्टर, वालराइटिंग, गोष्ठी, रैली आदि के माध्यम से जनजागरण करे। बावजूद इसके, इस जिले में बुधवार की शाम तक इस दिशा में सोचा भी नहीं गया। इस संबंध कार्ययोजना नहीं बनाई गई। इसी से सोसाइटी की इस बाबत गंभीरता को समझा जा सकता है।
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दान करें तो धमनियों में बढ़ेगा रक्त का प्रवाह
फैजाबाद : अगर आप रक्त दान करें तो आप की धमनियों में रक्त का प्रवाह बढ़ेगा। यह मानना है जिला चिकित्सालय स्थित ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. केएस पांडेय का। उन्होंने बताया कि रक्तदान से रक्त बनने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। साल भर में एक बार हर किसी को रक्तदान करना चाहिए। उनके मुताबिक 18 से 60 साल की उम्र का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति, जिसका वजन 45 किलोग्राम से अधिक हो व उसकी हीमोग्लोबिन साढ़े 12 ग्राम या उससे अधिक हो, रक्तदान कर सकता है। रक्तदान से पूर्व पांच बीमारियों की नि:शुल्क जांच की जाती है। इनमें एड्स, हेपेटाइटिस बी व सी, मलेरिया एवं यौनजनित रोगों (बीडीआरएल) शामिल है।
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11 बार रक्तदान कर चुका है शम्सी
युवा सामाजिक कार्यकर्ता अतहर शम्सी 11 बार रक्तदान कर चुका है। मुहम्मद आरिफ सात बार तो नितिन गुप्त छह बार रक्तदान कर अपनी पीढ़ी के लिए मिशाल पेश कर चुके हैं। ऐसे युवाओं की तादात केवल यहीं तक सीमित नहीं है। यहां युवा नेहरू युवा केंद्र, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रयास से बड़ही तादात में युवा रक्तदान कर चुके हैं। वैभव, कौंशलेंद्र, श्वेतांक सिंह आदि युवा रक्तदान करने के मामले में आगे रहे हैं।
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