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    बकरी पालन को सब्सिडी देगी सरकार

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    Updated: Sun, 02 Jun 2013 10:39 PM (IST)

    निज प्रतिनिधि, एटा: गांवों में आर्थिक संकट से जूझ रहे बेरोजगारों को पशुपालन का मौका दिया गया है। पशुओं को पालकर लोग अपनी आमदनी का जरिया निर्धारित कर सकेंगे। अनुसूचित जाति के अलावा सामान्य वर्ग के लोगों के लिए भी शासन ने योजना का बजट भेज दिया है। इसके बाद पात्र लोगों के चयन की कवायद शुरू कर दी गई है।

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    शासन की ओर से जनपद में पहली बार बकरी पालन योजना को हरी झंडी दी गई है। हालांकि अभी दो यूनिट के लिए ही बजट भेजा गया है। योजना के तहत इच्छुक बेरोजगार लोगों को बकरी पालन में पशुपालन विभाग की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। पौने चार लाख रुपये की लागत वाली एक यूनिट में 95 बकरी और 5 बकरे पाले जा सकेंगे। इसमें 25 फीसद का अंश लाभार्थी का होगा और 25 फीसद सब्सिडी के तौर पर पशुपालन विभाग उपलब्ध कराएगा। शेष धन बैंक से लोन के माध्यम से लिया जा सकेगा। इच्छुक लोग अपने पास से भी 75 फीसद अंश निवेश कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी वर्ग के बेरोजगार लोगों को पात्र माना जाएगा। वहीं, दूसरी ओर एकीकृत शूकर विकास योजना में शासन ने पशुपालन विभाग को बजट मुहैया करा दिया है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित वर्ग के लोगों को जोड़कर समूह बनाए जाएंगे। पूरे जनपद में नौ समूह बनाए जाने हैं। एक समूह में दस सदस्य होंगे, जिसमें तीस फीसद महिलाओं को शामिल किया जाएगा। ग्राम प्रधान और संबंधित क्षेत्र के पशु चिकित्सक मिलकर समूहों का गठन करेंगे। प्रत्येक समूह के खाते में 90 हजार रुपये डाले जाएंगे। इससे प्रत्येक सदस्य पांच पशु खरीद सकेगा। इसके अलावा प्रत्येक समूह पर दस हजार रुपये पशुओं की दवा, बीमा आदि के लिए भी रखा जाएगा। शासन से बजट उपलब्ध होने के बाद जिला स्तर पर योजना के क्रियान्वयन के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

    मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के पशु चिकित्साधिकारियों को पात्रों के चयन के निर्देश दे दिए गए हैं। इन योजनाओं के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के (गरीबी रेखा के नीचे) बीपीएल परिवारों के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री फॉर्म योजना भी संचालित की जा रही है।

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