फिर लटक सकती हैं आंगनबाड़ी नियुक्तियां
- हाईकोर्ट के शासनादेश निरस्त करने के बाद बदले हालात
- आरक्षण प्रक्रिया को भी समाप्त करने के आदेश
निज प्रतिनिधि, एटा: बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में नियुक्तियों के लिए जारी शासनादेश भी हजारों आवेदकों को राहत देता नहीं दिख रहा। हाईकोर्ट ने इसे निरस्त कर नियुक्तियों में आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाने के निर्देश जारी किये हैं। इनका पालन कराने के लिए शासन को चार सप्ताह का समय दिया है। ऐसी स्थिति में नियुक्तियां फिर अटकेंगी।
रिक्त व नये आंगनबाड़ी केंद्रों की नियुक्ति प्रक्रिया पिछली सरकार से ही अटकी थी, जिसके बाद सपा सरकार ने नियुक्तियों के लिए निर्देश देकर शासनादेश जारी करने की कार्रवाई भी शुरू करा दी थी। इसी प्रक्रिया के बीच में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में प्रोविंशियल चाइल्ड डवलमेंट प्रोजेक्ट ऑफीसर्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से याचिका दायर की गई। इसमें नये शासनादेश व आरक्षण व्यवस्था को लेकर विरोध व्यक्त किया गया। इसी के अनुरूप हाईकोर्ट ने शासन व विभाग को झटका देते हुए शासनादेश निरस्त व आरक्षण पर रोक लगाने के निर्देश जारी किये हैं।
चूंकि एटा व कासगंज क्षेत्रों में भी सैकड़ों पदों पर नियुक्तियां होनी हैं। इस कारण हजारों महिलाओं ने वर्कर पदों के लिए अपने आवेदन किये थे। पहले से ही लेटलतीफी को लेकर आवेदक महिलाएं परेशान थीं, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद उनकी परेशानी और बढ़ती नजर आ रही है। यदि नियुक्त प्रक्रिया निरस्त होकर पुन: शुरू हुई तो एक बार फिर हजारों आवेदकों को निराश होना पड़ेगा।
इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी एटा एस.के. शुक्ला का कहना है कि अभी तक शासन से किसी तरह के निर्देश नहीं मिले हैं। इस कारण पूर्व निर्देशों के अनुरूप नियुक्ति की कार्रवाई जारी है। जो भी अग्रिम निर्देश मिलेगा, उसी के अनुरूप कार्रवाई की जायेगी।
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