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    चित्रकूट में संतों की हर पुकार पर योगी का तथास्तु...तथास्तु...तथास्तु

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 22 Oct 2017 11:21 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मत्यगयेंद्र मंदिर में पूजा-अचर्ना की और संतों की हर मांग पर उनका तथास्तु होता रहा।

    चित्रकूट में संतों की हर पुकार पर योगी का तथास्तु...तथास्तु...तथास्तु

    चित्रकूट (जेएनएन)। राजनीति की बड़ी आसंदी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मध्वजा और ऊंची कर दी। जितनी शिद्दत से चित्रकूट के बाशिंदे और खासकर संत समाज पलक-पांवड़े बिछाए, उम्मीदें पाले बैठा था, उसे मुख्यमंत्री ने उसी भाव से पूरा भी किया। निर्मोही अखाड़े में संतों के साथ बैठक करने वह बैठे तो सूबे के मुखिया के साथ-साथ वह गोरक्षपीठाधीश्वर के अवतार में भी दिखे। यही वजह है कि अलग से सजाए आसन को हटाकर जमीन पर बैठे और चित्रकूट के चहुंमुखी विकास को संतों द्वारा की गई हर पुकार पर वह तथास्तु... तथास्तु... तथास्तु... ही कहते गए। फिर मंदाकिनी गंगा की आरती के बाद सार्वजनिक रूप से मंशा साफ कर दी कि धर्म और संस्कृति के बीच राजनीति नहीं आएगी।

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    बुंदेलखंड के दो दिवसीय दौरे पर आए योगी रविवार शाम को चित्रकूट पहुंचे। निर्धारित कार्यक्रम में बदलाव करते हुए उन्होंने सबसे पहले पावन मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित निर्मोही अखाड़े में संतजनों से मुलाकात की। योगी के लिए अलग से आसन रखा गया था, जबकि संत जमीन पर बैठे थे लेकिन, उन्होंने उसे हटवा दिया और कहा कि मैं संत हूं, इसलिए सभी के साथ जमीन पर ही बैठूंगा। यहां संत पहले ही अपना मांग पत्र तैयार किए बैठे थे। मुख्यमंत्री ने सभी को ध्यान से सुना और हर मांग पर स्वीकृति दे दी। उन्होंने कहा कि मंदाकिनी नदी सभी की आस्था का केंद्र है। इनकी पवित्रता हमारा धर्म और कर्तव्य है, इसलिए नदी में गंदगी न हो, इसके लिए योजना बनाई जाएगी। चित्रकूट आने-जाने वालों को मप्र और उप्र के बॉर्डर के चलते समस्या न हो, इसलिए इसे फ्री जोन घोषित किया जाएगा। यहां 24 घंटे बिजली आपूर्ति होगी। दीपावली की अमावस्या पर लगने वाले मेले के लिए कुंभ की तरह ही दुरुस्त इंतजाम होंगे।

    मंदाकिनी पूजन और आरती

    निर्मोही अखाड़े के महंत ओंकारदास महाराज की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री रामघाट पहुंचे। यहां उन्होंने मंदाकिनी नदी का पूजन और फिर आरती की। फिर लोगों को संबोधित करते हुए बोले कि जिस चित्रकूट में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने वनवास का सबसे अधिक समय बिताया, उसी पावन भूमि पर आने का मुझे सौभाग्य मिला है। संतों की सभी मांगें माने जाने की घोषणा करते हुए कहा कि कुछ कार्ययोजनाएं हम लेकर आए हैं, जिनकी सोमवार को घोषणा हो जाएगी और जो बचेंगी, वह अगली कार्ययोजना में शामिल हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म ने कभी राजनीति की सीमाओं को नहीं माना है। नदी की पवित्रता और जल संरक्षण से बुंदेलखंड की समृद्धता की बात करते हुए भरोसा दिलाया कि धर्म और संस्कृति के आड़े कभी राजनीति नहीं आएगी। पावनधाम चित्रकूट का विकास उप्र और मप्र की सरकारें मिलकर साझा कार्यक्रम के तहत करेंगी। 

    पहली बार मंदिर की सीढ़ी चढ़ा कोई मुख्यमंत्री

    मंदाकिनी आरती से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मत्यगयेंद्र मंदिर में पूजा-अचर्ना की। पुजारी विपिन बिहारी का कहना था कि योगी आदित्यनाथ उप्र के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने मंदिर में पूजा की है।