तीन लाख कमाने वाले माने जाएंगे गरीब
जागरण संवाददाता, बरेली: गरीबी के कम मानक को लेकर मच रहे शोर में केंद्र सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। अब शहर में तीन लाख और देहात में दो लाख सालाना कमाने वालों को गरीब मानकर उनके बीपीएल कार्ड बनाए जाएंगे। इस तरह आबादी का करीब 63 फीसद हिस्सा प्रति यूनिट 5 किलो ग्राम खाद्यान्न से लाभांवित होगा। उसके लिए प्रक्रिया शुरु करते हुए आपत्तियां मांगी गई हैं।
कांग्रेस शासित राज्यों के बाद अब यूपी में भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू किए जाने की बारी है। उसके लिए अपने जिले में भी आदेश आ गए हैं। योजना की खास बात यह है कि इसमें प्रतिदिन 800 रुपये से ज्यादा कमाने वाले बीपीएल परिवार कहलाएंगे। पुराने गरीबी के मानक 25 हजार 626 रुपये शहर और 19 हजार 652 रुपये देहात को बदल दिया गया है। शहर में तीन लाख और देहात में सालाना कमाई का मानक दो लाख रखा गया है। पहले 27 फीसद लोगों को बीपीएल कार्ड जारी किए गए थे। अब गरीबी का मानक बदल जाने से 63 फीसदी लोग गरीबों को मिलने वाला खाद्यान्न पा सकेंगे। करीब एक लाख लोगों को अंत्योदय कार्ड जारी होंगे। इसके बाद जो भी लोग बचेंगे उन्हें एपीएल कार्ड जारी किए जाएंगे। संभवतया इन लोगों को खाद्यान्न नहीं मिल पाएगा। वे कार्ड पर मिंट्टी का तेल ही पा सकेंगे। योजना को 5 जुलाई से लागू करना था। लेकिन उसमें थोड़ी देर लगेगी। नई व्यवस्था पर आपत्तियां मांगी जा रही हैं। यह तहसील में एसडीएम और ब्लाक पर बीडीओ के स्तर से ली जाएंगी। उसके बाद उनका निस्तारण होगा।
रोकी गई राशन कार्ड की प्रक्रिया
खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने के मद्देनजर नये राशन कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को रोक दिया गया है, जो करीब साढ़े 4 हजार छप भी गए थे। अब राशन कार्डो का स्वरूप बदल जाएगा। अभी जिले में 9 लाख 64 हजार 232 कार्डधारक हैं। इनमें 7.6 लाख एपीएल और 2.60 लाख बीपीएल कार्डधारक हैं।
वर्जन
खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लेकर खाद्य आयुक्त के निर्देश मिल गए हैं। उन पर आपत्तियां मांगी जाएंगी। उसके बाद अंत्योदय, बीपीएल और एपीएल परिवारों का चयन होगा। उन्हें कार्ड जारी किए जाएंगे।
केएल तिवारी, जिला पूर्ति अधिकारी
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