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    सुन्नी बरेलवी कांफ्रेंसः तीन तलाक पर नहीं मानेंगे हुकूमत का कानून

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 02 Mar 2017 11:49 PM (IST)

    दरगाह आला हजरत से सुन्नी बरेलवी कांफ्रेंस ने एलान किया गया कि हुकूमत तीन तलाक का कानून लागू करना चाहती है, कर ले। मुसलमान उसे नहीं मानेंगे । ...और पढ़ें

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    सुन्नी बरेलवी कांफ्रेंसः तीन तलाक पर नहीं मानेंगे हुकूमत का कानून

    बरेली (जेएनएन)। सुन्नी बरेलवी मुसलमानों का मरकज कही जाने वाली दरगाह आला हजरत ने तीन तलाक पर केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कदम बढ़ा दिया है। सज्जादानशीन मौलाना मुहम्मद अहसन रजा कादरी की अध्यक्षता वाली सुन्नी बरेलवी कांफ्रेंस में एलान किया गया कि हुकूमत तीन तलाक का कानून लागू करना चाहती है, कर ले। मुसलमान उसे मानेंगे नहीं। एक बार में बोला गया तीन तलाक तीन रहेगा, उसे एक नहीं माना जाएगा। कांफ्रेंस में आतंकवाद के लिए वहाबियत को जिम्मेदार बताया। राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर शराबबंदी देशभर में लागू करने की मांग उठाई। 

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    विश्व शांति मंच स्थापित 
    कांफ्रेंस में देश विदेश से बरेली आए उलमा ने अलग-अलग विषयों पर तकरीर कीं। तलाक और दहेज पर मौलाना मुख्तार बहेड़वी ने रोशनी डाली। कहा कि इस्लाम जब शौहर व बीवी के बीच ताल्लुकात खराब हो जाएं तो उन्हें तलाक के जरिये अलग होने का रास्ता देता है। दूसरे धर्म में ऐसा नहीं है। मौलाना ने कहा कि जो रास्ता अल्लाह और उसके रसूल ने खोला उसे हुकूमत बंद करना चाहती है। कांफ्रेंस में मॉरीशस के मौलाना गुफरान रजा ने विश्व शांति मंच की स्थापना के बारे में जानकारी दी। खानकाहे मीरा गुजरात के सज्जादानशीन सय्यद जामी अशरफ, अजमेर के सय्यद सुल्तान मियां, मुफ्ती दाऊदी कश्मीरी, मौलाना फारूक कश्मीरी, मुफ्ती मुहम्मद आदिल, मुफ्ती सय्यद मुहम्मद कफील हाशमी, एजाज अंजुम, मुफ्ती रिजवान नूरी ने विचार रखे। 
    दहेज नहीं लेंगे नहीं देंगे
    कांफ्रेंस में दहेज के बढ़ते चलन को सबसे बड़ी बुराई बताया गया। उलमा ने मौजूद मुसलमानों को संकल्प दिलाया कि दहेज लेने और देने, दोनों से बचना होगा। इसके अलावा तालीम को हर हाल में जरूरी माना जाए, यह भी कहा गया। देशभर में शराबबंदी की भी मांग उठाई गई।