सड़क पर उतरे डॉक्टर निकाला कैंडल मार्च
जागरण संवाददाता, बरेली: कानपुर की घटना के विरोध में सोमवार को दूसरे दिन भी प्राइवेट डॉक्टरों का गुस्सा थमा नहीं। वे सड़क पर उतरे और कैंडल मार्च निकालकर शासन के रवैये की आलोचना की। कहा कि प्रदेश सरकार अपने विधायक को बचाने के लिए जूनियर डॉक्टरों को मुकदमे में फंसाकर एकतरफा कार्रवाई कर रही है। उधर दिन में शहर के ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में ओपीडी सेवा बाधित रही। हालांकि गंभीर मरीजों का डॉक्टरों ने इलाज किया। रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवा चालू होने की खबर लगने पर आइएमए पदाधिकारी आक्रोशित हो उठे। उन्होंने तत्काल मौके पर पहुंचकर इलाज बंद कराया और हड़ताल में डॉक्टरों का सहयोग मांगा।
इससे पूर्व दोपहर 12 बजे से आइएमए भवन पर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर बैठक हुई। इस दौरान कानपुर में गिरफ्तार 24 जूनियर डॉक्टरों को जमानत पर छोड़े जाने की जानकारी मिली। जिस पर डॉक्टरों ने निर्णय लिया कि मुकदमा दर्ज होने से डॉक्टरों के कॅरियर खतरे में पड़ जाएगा। लिहाजा जब तक उनपर से मुकदमा वापस नहीं हो जाता हड़ताल जारी रहेगी। आइएमए ने देर शाम मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रवि मेहरा, बरेली अध्यक्ष डॉ. जीएस खंडूजा, सचिव डॉ. प्रमेंद्र माहेश्वरी, डॉ. रवि खन्ना आदि मौजूद रहे।
हड़ताल के समर्थन में आए कई संगठन
कानपुर में जूनियर डॉक्टरों पर लाठी चार्ज को लेकर जारी हड़ताल को अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया है। सरकारी डॉक्टरों के संगठन प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. वीपी भारद्वाज और सचिव डॉ. राजकुमार ने आरोपियों के खिलाफ मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की। मेडिकल वर्कर्स एसोसिएशन के लोगों ने घटना के विरोध में अध्यक्ष सतीश बाबू के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। वहीं भाजपा शहर विधायक डॉ. अरुण, जिला महामंत्री अधीर सक्सेना आदि ने समर्थन पत्र आईएमए को दिया। इस मौके पर एसडी सिंह, सलीम, कमला, शोभा, बीपी सिंह आदि मौजूद रहे।
छह से देशव्यापी हड़ताल
देर शाम आइएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के निर्णय से अवगत कराते हुए बरेली इकाई के सचिव डॉ. प्रमेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि मंगलवार को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ डॉक्टरों पर मुकदमा वापस नहीं हुआ तो पूरे देश में आग फैलेगी। इस स्थिति में पूरे देश में प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।
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