Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बंदरों के बीच पल-बढ़कर बन गई 'मोगली गर्ल' देखें उसकी दिनचर्या की तस्वीरें

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Fri, 07 Apr 2017 10:15 AM (IST)

    कभी अपनों ने उसे मौत के मुंह में धकेल दिया लेकिन कतर्नियाघाट मोतीपुर रेंज के बंदरों ने उसे नई जिंदगी दी और वह बन 'मोगली गर्ल' गई।

    बंदरों के बीच पल-बढ़कर बन गई 'मोगली गर्ल' देखें उसकी दिनचर्या की तस्वीरें

    बहराइच (जेएनएन)। जंगल जंगल बात चली है पता चला है...गाते गाते बच्चों को जब अपनी कल्पानाओं की मोगली गर्ल की खबर लगी तो बहराइच जिला अस्पताल में अपने परिवार के साथ आने लगे। सब उसकी एक झलक पाने को उत्सुक रहे। फिलहाल कतर्नियाघाट जंगल में मिली बालिका को जब अपनों ने  मौत के मुंह में धकेल दिया उस समय  बंदरों ने उसे नई जिंदगी दी। बंदरों के बीच पल-बढ़ रही बालिका का अब जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। यह घटना भले अजीब लगे लेकिन जंगली बंदरों ने इस बच्ची को ठिकाना देकर मानव समाज को बेटी बचाओ का एक नया संदेश दे डाला है। आज वह बालिका किसी की भाषा न समझ पाती है और न बोल सकती है फिर भी धीरे-धीरे प्रेम की भाषा समझने लगी है। वह अब लोगों को देख कर गुर्राने की बजाय छिपने की कोशिश करती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तस्वीरों में देखें-बहराइच जिला अस्पताल में मोगली की दिनचर्या

    कतर्नियाघाट के मोतीपुर रेंज की मोगली

    कतर्नियाघाट वन्य जीव क्षेत्र के मोतीपुर रेंज से यह मामला जुड़ा है। लगभग ढाई माह पूर्व जंगल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को लकड़ी बीनने के दौरान बंदरों के झुंड में एक बालिका दिखाई पड़ी। बालिका के चोटिल होने के चलते वह अस्वस्थ लग रही थी। बालिका के करीब जाने की कोशिश करने पर बंदरो का झुंड ग्रामीणों पर हमलावर हो जाते थे। सूचना आसपास के गांवों में फैल गई। दर्जनों बंदर घने जंगल में उसकी निगरानी कुछ इस तरह करते थे, जैसे बालिका उनके पारिवार की एक सदस्य हो। सूचना मोतीपुर पुलिस को दी गई। इस पर पुलिस बताए गए स्थान पर जंगल में पहुंची लेकिन बालिका नहीं दिखाई पड़ी। 20 जनवरी की रात यूपी 100 रात्रि गश्त के दौरान जंगल से गुजर रही थी तो इसी दौरान अचानक उसे यह बालिका बंदरों के बीच दिखी। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस जवानों ने बालिका को बंदरों के बीच से निकालकर गाड़ी में बैठाया। जख्मी बालिका को एसआई सुरेश यादव ने मिहीपुरवा सीएचसी में भर्ती कराया।

    यह भी पढ़ें: योगी ने बढ़ाया भगवा का जलवा, दुकानों पर डिस्प्ले में भगवा सबसे आगे 

    बंदरों की तरह गुर्राती मोगली गर्ल

    हालत में सुधार न होने पर 25 जनवरी को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया। धीरे-धीरे जब हालत में सुधार आया तो लोगों को देखकर बालिका बंदरों की तरह गुर्राने लगी। हाव-भाव भी बंदरों जैसा है। स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भोजन देने पर थाली से नीचे गिरा देती है और बेड पर बिखेर कर खाना खा रही है। मोतीपुर एसओ राम अवतार यादव ने बताया कि लड़की जंगल में नग्न अवस्था में बंदरों के साथ पाई गई थी। इस दौरान बाल और नाखून बढ़े थे। शरीर पर कई जगह जख्म भी थे। बालिका की उम्र लगभग 10 वर्ष है। बालिका न बोल पाती है और न ही लोगों की बात को समझ पाती है।  

    यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश मेें शराब दुकानों के खिलाफ बनने लगे जनान्दोलन जैसे हालात

    भाषा जानवरों की तरह इलाज में दिक्कतें 

    बहराइच जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. डीके सिंह ने बताया कि अस्पताल में बालिका डॉक्टरों व अन्य लोगों को देखते ही चिल्ला उठती है, जिसकी वजह से इलाज में चिकित्सकों व स्टाफ नर्सों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह लड़की किसकी है, कहां की है, यह किसी को पता नहीं है। लड़की कबसे जंगल में जानवरों के बीच थी यह भी कोई नहीं बता पा रहा है। लड़की का इलाज किया जा रहा है। लेकिन उसकी भाषा जानवरों की तरह है, इसलिए इलाज में दिक्कतें आ रही है। 

    यह भी पढ़ेंबहराइच के कतर्नियाघाट जंगलों में मिली मोगली गर्ल

    तस्वीरों में देखें-अयोध्या के रामनवमी मेले में भगदड़

    तस्वीरों में देखें-जोगी रंग में रंगता जा रहा प्रदेश