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    दशलक्षण धर्म व सोलहकारण की पूजा

    By Edited By: Updated: Thu, 27 Sep 2012 11:42 PM (IST)

    बड़ौत : दशलक्षण पर्व के आठवें दिन आर्यिका 105 श्री प्रत्यक्षमति माता जी के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में दिगंबर जैन युवा मंच के तत्वावधान में आयोजित तेरह द्वीप महामंडल विधान के अंतर्गत भगवान चंद्रप्रभु का अभिषेक किया गया।

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    गुरुवार को दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में चल रहे महामंडल विधान में इंद्र-इंद्रणियों ने पीत वस्त्र धारण कर विधानाचार्य पं. ज्योति बाबू जैन उदयपुर के निर्देशन में नित्य नियम, दशलक्षण धर्म व सोलहकारण की पूजा संगीत की मधुर धुनों के बीच की। इसके पश्चात तेरहद्वीप महामंडल विधान में सिद्ध क्षेत्र पर बने अक्रतिम चेत्यालयो में विराजमान भगवानों की पूजा की गई।

    विधानाचार्य पं. ज्योति बाबू जैन उदयपुर ने विधान का महत्व बताया। इंद्र-इंद्रणियों ने मनमोहक व भक्तिपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किए।

    दिगंबर जैन छोटा मंदिर में श्रद्धालुओं ने भगवान महावीर स्वामी का अभिषेक कर पूजन किया। इसके पश्चात नित्य नियम, दशलक्षण धर्म व सोलहकरण की पूजा की गई। दिगंबर जैन अतिथि भवन में प्रात:काल विशेष पूजा-अर्चना की गई। दोपहर में पं.ज्योति बाबू जैन के द्वारा तत्वार्थ सूत्र की वाचना की गई। सायंकाल दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में भगवान चंद्रप्रभु की आरती संगीत की मधुर लहरियों के बीच भक्ति संगीत के साथ उतारी गई। पंडित ज्योति बाबू जैन ने त्याग व धर्म की महत्ता बताई।

    दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष अशोक जैन सर्राफ, सुदेश जैन, अतुल जैन, सुभाष जैन, प्रवीण जैन, कमल जैन, नवीन जैन, रिषभ जैन, मनोज जैन सर्राफ, पवन जैन, रमेश जैन, प्रदीप जैन, सुनील जैन, नरेश चंद जैन आदि उपस्थित रहे।

    भव्य रथयात्रा निकलेगी

    मीडिया प्रभारी अतुल जैन ने बताया कि रथयात्रा सैकड़ों वर्षो से निकाली जाती है। इस बार यह रथयात्रा भव्य स्तर पर निकाली जाएगी। रथयात्रा में निकलने वाला रथ लगभग दो सौ वर्ष पूर्व अखरोट की लकड़ी से बनाया गया है।

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