Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यहां न मोदी गंभीर और न राहुल को फिक्र!

    By Edited By:
    Updated: Tue, 18 Mar 2014 10:58 PM (IST)

    Hero Image

    बदायूं : चुनावी बिगुल बजने के साथ ही प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियां केंद्र में सरकार बनाने के लिए हुंकार भर रही हैं। जोश तो यहां भी भरा जा रहा है, लेकिन बगैर दूल्हे वाली बरात की स्थिति है। बुधवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है, लेकिन एक ओर जहां भाजपा ने अभी तक उम्मीदवार ही घोषित नहीं किया है, वहीं कांग्रेस ने यह सीट महान दल को समझौते में दे दी है। अभी तक महान दल ने भी अपने पत्ते नहीं खोले।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संसदीय सीट बदायूं पर पिछले डेढ़ दशक से सपा का कब्जा है। इस बार भी सपा ने सिटिंग सांसद धर्मेद्र यादव को मैदान में उतारा है। बसपा ने भी अकमल खां चमन को टिकट देकर क्षेत्र में भेज दिया है। यह बात दीगर है कि बसपा ने यहां टिकट पहले कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी के भाई सईद शेरवानी को दे रखा था, लेकिन पिछले दिनों टिकट बदल दिया।

    राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के राहुल गांधी अपने रणनीतिकारों के साथ चुनाव अभियान में जुटे हुए हैं। पार्टी के दिग्गजों ने बदायूं पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है। अभी तक न तो भाजपा का प्रत्याशी घोषित हो सका है और न ही कांग्रेस या उसके सहयोगी दल का टिकट किसी को दिया गया है। पदाधिकारी और कार्यकर्ता क्षेत्र में प्रचार करने के बजाय टिकट वितरण पर नजर गड़ाए हुए हैं। दोनों दलों के पदाधिकारी यही कहते आ रहे हैं कि नाम लगभग तय हो चुके हैं और जल्द तस्वीर साफ हो जाएगी।

    यहां के संसदीय चुनाव में कांग्रेस पांच बार और जन संघ व भाजपा पर चार बार चुनाव जीत चुकी हैं। एक बार इस सीट पर जनता दल का भी कब्जा रहा है। इस बार भी चुनावी गहमागहमी शुरू हो चुकी है। 19 मार्च को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 26 मार्च नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है और 17 अप्रैल को मतदान हो जाएगा। मतदान में महीनेभर का वक्त बचा है। इस सीट पर न तो नरेंद्र मोदी गंभीर नजर आ रहे हैं और न ही राहुल गांधी फिक्रमंद दिखाई दे रहे हैं। इन दो प्रमुख पार्टियों ने इस बार भी हुंकार भरनी शुरू कर दी है, लेकिन सभी को दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के टिकट का इंतजार है।