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    शिवपाल का दावा सिर्फ नेताजी ही बचा सकते थे बिहार का राजनीतिक संकट

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 30 Jul 2017 09:53 AM (IST)

    शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की अगुवाई में एक काफी मजबूत महागठबंधन तैयार ह ...और पढ़ें

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    शिवपाल का दावा सिर्फ नेताजी ही बचा सकते थे बिहार का राजनीतिक संकट

    आजमगढ़ (जेएनएन)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा इटावा के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव का दावा है कि पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव बिहार में गठबंधन को बचा सकते थे। शिवपाल सिंह यादव कल आजमगढ़ में थे। 

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    शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले  समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की अगुवाई में एक काफी मजबूत महागठबंधन तैयार हो रहा था। यह महागठबंधन नहीं बन सका, लोक नेताजी को इसका नेता मानने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि बिहार में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में महागठबंधन बनता तो उसका ऐसा हश्र नहीं होता।

    शिवपाल सिंह यादव ने बेलनाडीह गांव में एक निजी कार्यक्रम में बिहार में जदयू और राजद का महागठबंधन टूटने के सवाल पर कहा कि अगर नेताजी (मुलायम) के नेतृत्व में महागठबन्धन बनता तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती। उन्होंने कहा कि बिहार के महागठबंधन में अगर सपा को वाजिब भागीदारी दी जाती और मुलायम को उचित सम्मान दिया गया होता तो हालात अलग ही होते। 

    उन्होंने कहा कि अब वह पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे हैं। अब भी समय है अगर समाजवादी एकजुट नहीं हुए तो नेताजी के नेतृत्व में करीब दो माह बाद एक नया मोर्चा बनेगा। मुलायम सिंह यादव को बिहार का राज्यपाल बनाये जाने की अटकलों पर शिवपाल ने कहा कि नेताजी ऐसे किसी प्रस्ताव को स्वीकार नही करेंगे।

    अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बात को तरजीह नहीं दी। इसी कारण से प्रदेश में समाजवादी पार्टी सत्ता से बाहर है। अगर अखिलेश यादव इस बार भी मुलायम सिंह यादव की बात मानते तो आज प्रदेश में सपा की सरकार होती और अखिलेश यादव भी मुख्यमंत्री होते।

    पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नेताजी को सम्मान देते तो विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की इतनी करारी हार नहीं होती।  मैं तो आज भी परिवार को एकजुट करने के साथ ही अपनी समाजवादी पार्टी को मजबूत करने की कोशिश में लगा हूं।

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    उन्होंने कहा कि यदि उनका प्रयास नाकाम हुआ तो वे समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का गठन करेंगे। क्या अब ऐसा होना संभव है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि पार्टी एकजुट होगी और अगली सरकार समाजवादी पार्टी की बनेगी।

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    मुलायम सिंह यादव को राज्यपाल बनाए जाने की बात कर उन्होंने कहा कि नेता जी उसे स्वीकार नहीं करेंगे। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कहा कि नई सरकार को छह माह का मौका दिया है।

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    उन्हें कानून व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रदेश में अपराध बढ़े हैं जिसे राज्यपाल ने भी माना है। सपा सरकार में हुए घोटाले के सवाल पर उन्होंने सफाई दी कि मेरे रहते कोई घोटाला नहीं हुआ था। उसके बाद क्या हुआ मुझे पता नहीं।