शिक्षा का हो गया है व्यवसायीकरण : अंशुमान सिंह
अहरौला (आजमगढ़) : क्षेत्र के शकरजी इंटर कालेज कटवा गहजी के स्वर्ण जयंती समारोह का सोमवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन हो गया। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश व पूर्व राज्यपाल अंशुमान सिंह ने कहा कि बहुत अच्छा लगा ऋषि दुर्वासा की तपोभूमि पर आकर। साथ ही उन्होंने शिक्षा के व्यवसायीकरण को गलत बताया।
मुख्य अतिथि अंशुमान सिंह ने कहा कि उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर कहा कि शिक्षा का आज व्यवसायीकरण हो गया है। अधिकांश लोग धन कमाने के लिए विद्यालय खोल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की टूटी सड़कों पर कहा कि इनके भरोसे किसी भी कार्यक्रम में समय से पहुंचना संभव नहीं है। मूल रूप से इलाहाबाद का निवासी हूं और हाईकोर्ट में 28 साल तक अधिवक्ता रहा। वर्ष 1984 में इलाहाबाद हाईकोर्ट का न्यायधीश बना। बाद में राजस्थान उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायधीश बना और 1987 में सेवानिवृत्त हुआ और गुजरात व राजस्थान का राज्यपाल रहा। कार्य करने से पहले ईश्वर से प्रार्थना करता था कि मुझसे संवैधानिक कार्यो को करते हुए कोई गलती न हो। बताया कि अधिवक्ता होते हुए एक विद्यालय का सचिव था, लेकिन न्यायाधीश का पद ग्रहण करने के बाद इस पद से दूर हो गया। कहा कि कुछ प्रदेशों में डिग्रिया बेची जाती हैं। कई राज्यपालों के नाम बिना लिए कहा कि कई महामहिम भी इससे अछूते नहीं हैं। मैं इस बात को कह सकता हूं कि हर चीज बिकाऊ है। अध्यक्षता काशी विद्यापीठ वाराणसी के पूर्व कुलपति प्रो. आरपी सिंह ने की।
कार्यक्रम में मथुरा से आए कलाकारों ने गीत के माध्यम से अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत भाषण संयोजक अरुण कुमार सिंह ने दिया। अध्यक्षीय संबोधन में आरपी सिंह ने कहा कि जीवन का उददेश्य है कि पवित्र आत्मा बनाने का प्रयास करना। सब कुछ एक साथ नहीं मिलता। जैसे कि विद्या मिल गई तो कवि बनना कठिन है। कविता बन गई तो शक्तिशाली कवि बनना कठिन है। ऋषि दुर्वासा का प्रताप है कि इस क्षेत्र में इतना अच्छा इंटर कालेज है। इस मौके पर संरक्षक हरिनरायन सिंह, अवधेश सिंह, धर्मराज सिंह, मुसाफिर सिंह, बाल मुकुंद सिंह आदि उपस्थित थे।
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