बुलंदशहर कांड पर हाईकोर्ट का सवाल क्या कर रही है उत्तर प्रदेश पुलिस
हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि लगातार महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं, आखिर पुलिस कर क्या रही है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि लगातार महिलाओं के साथ घटनाएं हो रही हैं, आखिर पुलिस कर क्या रही है। कोर्ट ने गुरुवार को प्रकाशित एक घटना पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि लगता है कोई गैंग है जो अपराध कर रहा है। सरकार इसके मुखिया का पता लगाये। सुनवाई 12 अगस्त को भी होगी।
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मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खंडपीठ ने बुलंदशहर दुराचार मामले की सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा फिर दुराचार की खबर अखबार में छपी है। पुलिस ने इस घटना पर क्या कार्रवाई की, इसकी जानकारी दी जाए। अपर महाधिवक्ता इमरानुल्ला खां व शासकीय अधिवक्ता अखिलेश सिंह ने बताया कि इस घटना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और आरोपी की तलाश की जा रही है। दोनों लिव इन रिलेशन में थे और दुराचार का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने जानना चाहा कि चोटों की रिपोर्ट है किन्तु दुराचार की मेडिकल रिपोर्ट भी दी जाए।
हाईकोर्ट ने मांगा साल भर की बलात्कार, लूट, डकैती की घटनाओं का ब्योरा
अपर महाधिवक्ता ने बुलंदशहर राजमार्ग-91 पर हुए दुराचार मामले की विवेचना रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश की। साथ ही एसपी का हलफनामा भी दाखिल किया। कोर्ट ने इससे पहले बुलंदशहर में ही 7 व 12 मई, 2016 की लूट व दुराचार की घटना पर उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा कि खबर पुलिस सूत्र से छपी है और पुलिस ने ही कार्रवाई नहीं की। खबर छपने के बाद प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही करना क्या सही है। महिलाओं के साथ एक के बाद एक घटनाएं हो रही है, पुलिस सुरक्षा देने में विफल है। अपर महाधिवक्ता ने कहा कि घटना के बाद बुलंदशहर के कई अधिकारियों का तबादला कर दिया गया। घटना शर्मनाक है। सरकार सीबीआइ जांच के खिलाफ नहीं है किन्तु पुलिस सही तरीके से विवेचना कर रही है। आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। सरकार ने सख्त कार्रवाई की है।