डरे अतीक ने समर्थकों से कहा, न लाएं असलहा, चुकाएं टोल और जाम न लगाएं
आज कानपुर में होने वाली अपनी सभा के लिए उन्होंने समर्थकों को सादगी का पाठ पढ़ाया है। इस पाठ की अहम बात यह है कि कोई भी समर्थक असलहों लेकर नहीं होगा।
इलाहाबाद [फरहत खान]। कहते हैं दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है, पूर्व सांसद अतीक अहमद के साथ यही हालत है इस समय। शियाट्स में हुए बवाल में उन पर खाकी ने शिकंजा कसा तो उन्हें चुनाव आयोग का भी डर सताने लगा। वह नहीं चाहते कि उनके समर्थकों की कोई भी गुस्ताखी सपा सरकार की किरकिरी की वजह बने। इसलिए आज कानपुर में होने वाली अपनी सभा के लिए उन्होंने समर्थकों को सादगी का पाठ पढ़ाया है। इस पाठ की अहम बात यह है कि कोई भी समर्थक असलहा लेकर नहीं आयेगा।
पूर्व सांसद अतीक अहमद को इस बार समाजवादी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए कानपुर की कैंट सीट से प्रत्याशी बनाया है। गुरुवार को उनकी कानपुर में पहली सभा है। वह सोशल मीडिया पर समर्थकों को समझाते नजर आ ही रहे हैं। साथ ही अखबारों में विज्ञापन देकर भी सादगी बनाए रखने की नसीहत दी है। कुछ समय पहले ही नैनी स्थित शियाट्स में बवाल हुआ था। अतीक अहमद व उनके करीब पांच दर्जन समर्थकों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया तो सियासत गरमा गई। पुलिस इस मामले में उनके घर नोटिस चस्पा कर चुकी है। शहर पश्चिम से बसपा विधायक रहे राजू पाल की हत्या की सीबीआइ पहले से ही जांच कर रही है। निर्वाचन आयोग की नजर लेकर टेढ़ी न हो और पार्टी तथा सूबे की सरकार कहीं न घिरे, इसलिए अतीक फिलहाल कोई विवाद नहीं चाहते। दरअसल उनकी पहले की रैलियों और सभाओं में समर्थकों की वजह से विवाद की स्थिति बनी है। बुधवार को विज्ञापन छपवा कर अतीक ने समर्थकों से गुजारिश की है कि वह काफिले में असलहे लेकर न चलें। हर टोल प्लाजा और बैरियर पर नियत शुल्क अदा करें साथ ही रास्ते में किसी से झगड़ा न करें। शहरियों को परेशानी न हो, जाम न लगे इसका खासा ध्यान रखें। चकिया स्थित उनके आवास से समर्थक कानपुर रवाना होंगे। उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद की शहर पश्चिमी से सीट से अतीक पांच बार विधायक रह चुके हैं। पूर्व में फूलपुर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी उन्होंने किया है।
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