शपथग्रहण के बाद इलाहाबाद विवि छात्रसंघ भवन में गंगाजल का छिड़काव
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के निर्वाचित पदाधिकारियों ने रविवार को पद की शपथ ली। निर्वाचन अधिकारी ने पदाधिकारियों को शपथग्रहण कराया। ...और पढ़ें

इलाहाबाद (जेएनएन)। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के निर्वाचित पदाधिकारियों ने रविवार को पद की शपथ ली। निर्वाचन अधिकारी प्रो. आरके सिंह ने पदाधिकारियों को शपथ ग्र्रहण कराया। अध्यक्ष पद पर विजयी समाजवादी छात्र सभा (सछास) के अवनीश यादव ने शपथ ग्रहण के बाद यूनियन भवन पर जुटे छात्रों को संबोधित किया। कहा कि अभी तो ये अंगड़ाई है...। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ का परिणाम इस बात का संकेत है कि केंद्र की मोदी व प्रदेश की यूपी सरकार से युवाओं का मोहभंग हो चुका है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए यह जीत अपने आप में गहरा संदेश लिए हुए है।
छात्राओं को कैंपस में सुरक्षा
विश्वविद्यालय के परिपेक्ष्य में यादव ने कहा कि यह आम छात्रों की जीत है। विश्वविद्यालय में पठन-पाठन का माहौल, हर संकाय में प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग, छात्राओं को कैंपस में सुरक्षा मिलेगी। छात्रसंघ के पदाधिकारियों के कमरों के द्वार हर छात्र के लिए खुले रहेंगे। उनके अलावा उपाध्यक्ष पद पर सछास के चंद्रशेखर चौधरी, महामंत्री पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एकमात्र विजयी प्रत्याशी निर्भय कुमार द्विवेदी, संयुक्त सचिव पद पर सछास के भारत सिंह, सांस्कृतिक सचिव पद पर सछास के अवधेश कुमार पटेल ने शपथ ग्रहण की। इनके साथ ही कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों ने भी पदभार ग्रहण किया।
तस्वीरों में देखें-टीईटी परीक्षा के दौरान हंगामा और मुस्तैदी
अखिलेश यादव ने दी बधाई
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की नीतियों से युवाओं में आक्रोश बढ़ रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के चुनाव परिणाम इसका उदाहरण हैैं। सिर्फ इलाहाबाद ही नहीं जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अलावा कई अन्य राच्यों में भी भाजपा की छात्र-युवा विरोधी राजनीति का तीखा विरोध हुआ है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में जीते समाजवादी पैनल के प्रत्याशियों को बधाई देते हुए अखिलेश ने कहा कि उनकी जीत समाजवादी विधाराधारा और धर्मनिरपेक्षता की जीत बताया हैं। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि समाजवादी सरकार ने नौजवानों को आगे बढ़ाने का काम किया था जबकि यह सरकार उनकी अनदेखी कर रही है।

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