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    पीएम मोदी को पीड़िता के भाई का पत्र, गायत्री को मिले ऐसी सजा कि बने मिसाल

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Fri, 10 Nov 2017 04:43 PM (IST)

    गायत्री प्रजापति पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीडि़ता के भाई ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि ऐसी सजा मिले जिससे न सिर्फ गायत्री व दूसरे अपराधी भी कांप उठें।

    पीएम मोदी को पीड़िता के भाई का पत्र, गायत्री को मिले ऐसी सजा कि बने मिसाल

    अलीगढ़ (जेएनएन)। अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीडि़ता के भाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर ऐसे इंसाफ की गुहार लगाई है। पत्र में साफ लिखा है कि ऐसी सजा मिले जिससे न सिर्फ गायत्री व उसके गुर्गे, बल्कि दूसरे अपराधी भी कांप उठें।

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    अलीगढ़ में पुलिस से लेकर अदालत तक पैरोकारी कर रहे भाई ने पत्र में नाखुशी जताते हुए यह भी लिखा है कि पुलिस सुरक्षा में पीडि़ता की बेटी का अपहरण हुआ और उप्र पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। हालांकि, चित्रकूट जिले के थाना कर्बी में लखनऊ के सीओ आलमबाग समेत तीन के खिलाफ इसकी रिपोर्ट दर्ज है। भाई ने कहा है कि उसे चुप रहने के लिए धमकाया जा रहा है, प्रलोभन भी मिल रहे हैं।

    खनन के खेल में फंसे पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति फिलहाल जेल में हैं। मंत्री रहने के दौरान ही चित्रकूट जिले की एक महिला ने उनके विरुद्ध सामूहिक दुष्कर्म करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि डराकर उसकी नाबालिग बेटी के साथ भी घिनौनी हरकतें की गईं। पैरोकारी कर रहे पीडि़ता के अलीगढ़ निवासी मुंहबोले भाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। कहा है, प्रकरण की सतत पैरोकारी के कारण ही गायत्री व उसके गुर्गे कानून की गिरफ्त में आ सके हैं। 

    उनके ऊपर दो बार प्राणघातक हमले भी हुए। यह लोग फिर जान के पीछे पड़ गए हैं। इन्हीं लोगों ने नाबालिग भांजी का पुलिस सुरक्षा के बीच चित्रकूट में 31 मार्च को दिनदहाड़े अपहरण किया था।

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    इसमें मामले की विवेचक व तत्कालीन सीओ आलमबाग अमिता सिंह व गायत्री के तीन अज्ञात गुर्गों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अफसोस है कि मौजूदा भाजपा सरकार ने गायत्री प्रसाद प्रजापति के प्रभाव में आकर यह रिपोर्ट लिखने वाले एसओ सत्यपाल सिंह को ही निलंबित कर दिया। 

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    आरोप लगाया कि पीडि़ता पर बयान बदलने का दबाव भी डाला जा रहा है। हालांकि, किशोरी अभी दिल्ली की अदालत में बयान दर्ज करा चुकी है। इस पत्र की प्रति गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, राज्यपाल राम नाईक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी दी गई है। 

    गायत्री की जमानत अर्जी का करेंगे विरोध

    पीडि़ता के भाई के मुताबिक गायत्री प्रजापति की जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में 13 नवंबर को सुनवाई नियत है। वहां भी हम जमानत मिलने का पुरजोर विरोध करेंगे।

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