Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दो साल में कश्मीर समस्या हल कर देते अटल : भागवत

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Mon, 22 Aug 2016 09:16 AM (IST)

    आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत कश्मीर समस्या पर बोले तो अटल सरकार की तारीफ की और कहा यदि वाजपेयी को दो वर्ष और मिलते तो समस्या नहीं रहती।

    आगरा (जेएनएन)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत रविवार को कश्मीर समस्या पर बोले, तो अटल सरकार की तारीफ के पुल बांध दिए। कहा कि कश्मीर समस्या पर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार सही दिशा में काम कर रही थी। यदि वाजपेयी को दो वर्ष और मिलते, तो यह समस्या ही नहीं रहती। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग पाकिस्तान के हालात से वाकिफ हैं और उसके साथ नहीं जाना चाहते। उन्होंने राज्य में पाकिस्तान प्रायोजित उपद्रवों पर कड़ाई से रोक लगाने की जरूरत बताई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

    मोहन भागवत पांच दिवसीय आगरा प्रवास के दूसरे दिन रविवार को आगरा कॉलेज खेल मैदान में युवा दंपतियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर में फैला आतंकवाद पूरे राष्ट्र की समस्या है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे खत्म करने को सही कदम उठाए थे। श्री भागवत ने घाटी की समस्या की वजह बताते हुए कहा कि वहां बैड गवर्नेंस है। कश्मीरी युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, वहां विकास ठप है। कश्मीरियों को लेकर कहा कि वह पाकिस्तान के बदतर हालात से वाकिफ हैं, इसलिए वहां नहीं जाना चाहते। बस उन्हें समझाने की जरूरत है।

    संघ प्रमुख ने कहा कि देश में सभी मिल-जुलकर रहें। जीवन स्तर को सुधारें। एक बार में ही पूछे गए सवालों का एक साथ उत्तर देते हुए कहा कि कोई काफिर नहीं, सभी को एक ही भगवान के पास जाना है। भारत की कुटुंब व्यवस्था पर भागवत ने कहा कि भारत आर्थिक व्यवस्था कुटुंब पर आधारित है, जबकि विदेशों में बाजारीकरण पर। इसीलिए मंदी के दौर में वह देश हिल गए, जबकि भारत में शेयर बाजार को छोड़ कहीं कोई प्रभाव नहीं पड़ा। समाज और राष्ट्र पर कहा कि किसी भी समाज की सभ्यता समय के साथ बदलती है। मूल्यों का ध्यान नहीं दिया गया, तो देश समाप्त हो जाएगा। संस्कृति के आधार पर ही किसी देश का मूल्यांकन होता है। राष्ट्र को वैभव संपन्न देश काल के अनुसार कार्य करना चाहिए। उनका कहना था कि कोई भी काम करने से होता है, भाषण से नहीं। सारा समाज एक जैसा कार्य करे, उसकी इकाई कुटुम्ब है। इसलिए हमें अपने परिवार से ही कार्य शुरू करना चाहिए। अपनत्व की भावना समूहों को समाज बनाती है।

    स्वच्छता कानून से नहीं अनुशासन से संभव

    संघ प्रमुख ने सरकार की स्वच्छ भारत नीति पर कहा कि यह कानून से नहीं, स्व अनुशासन से संभव है। समाज की एक व्यवस्था होती है, जिसका पालन होना चाहिए।

    गोरक्षकों का काम समझने की जरूरत

    मोदी के कथित गोरक्षकों की ओर से गोरखधंधा किए जाने के सवाल पर मोहन भागवत ने कहा कि गोरक्षक कानून को ध्यान में रखकर अपना काम कर रहे हैं, जिसको समझ नहीं आ रहा है, वह कुछ भी बोल सकते हैं।