फिल्म पद्मावती ने बढ़ाई रानी पद्मिनी के बारे में जानने की जिज्ञासा
फिल्म पद्मावती के रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिरने से मेवाड़ की रानी पद्मिनी के बारे में जानने की उत्सुकता लोगों में जाग उठी है।
आगरा (जेएनएन)। संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिरने से मेवाड़ (चित्तौड़) की रानी पद्मिनी के बारे में जानने की उत्सुकता लोगों में अचानक जाग उठी है। रानी से जुड़ी किताबों व साहित्य को लोग राजकीय पुस्तकालय और बाजार में खोज रहे हैं। संबंधित पुस्तकों में सबसे ज्यादा मांग मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखी गई काव्य रचना 'पद्मावत' की है। शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रोफेसर, शिक्षक भी इसका अध्ययन कर रहे हैं। स्थिति यह कि राजकीय पुस्तकालय में अब पद्मावत नामक एक भी पुस्तक नहीं रह गई है और उसे पढऩे के उत्सुक तमाम लोग मायूस होकर लौट रहे हैं। अब दिल्ली से पुस्तक मंगाने की तैयारी की जा रही है।
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आगरा स्थित राजकीय पुस्तकालय के प्रभारी विवेक जोशी का कहना है कि हमारे यहां पद्मावत पुस्तक थी, जिन्हें फिल्म के विवाद के बाद लोग पढऩे के लिए ले गए। एक पुस्तक माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक को उपलब्ध कराई है। संजय प्लेस शहीद स्मारक स्थित पुस्तकालय के प्रभारी मदन मोहन ने बताया कि हमारे यहां अंग्रेजी शासन काल के इतिहास से जुड़ी किताबें हैं, लेकिन फिर भी रोजाना लोग रानी पद्मिनी से जुड़ी किताब मांगने आते हैं।
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केंद्रीय हिंदी संस्थान संस्थान के निदेशक प्रो. नंद किशोर पांडे बताते हैं कि एमए में मलिक मुहम्मद जायसी की रचना पद्मावत पढ़ाई जाती है। विदेशी छात्र भी पद्मिनी के बारे में पूछने लगे हैं। युवा अपने मोबाइल, कंप्यूटर पर इंटरनेट के जरिये रानी पद्मिनी, राजा रावल रतन सिंह और अलाउद्दीन का इतिहास सर्च कर रहे हैं।
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