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    इनर रिंग रोड पर शर्तो की दीवाल

    By Edited By: Updated: Mon, 17 Jun 2013 12:11 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, आगरा: मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में शामिल इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट में किसानों की शर्तो की दीवाल भी खड़ी हो गई है। रविवार को महुआखेड़ा में हुई पंचायत में ग्रामीणों ने मुआवजे और भू उपयोग से लेकर सड़क की ऊंचाई तक पर सवाल खड़े किए। खतौनी में आगरा विकास प्राधिकरण का नाम चढ़ने पर भी आपत्ति जताई। पंचायत की सूचना एडीए और प्रशासन के अधिकारी भी पहुंच गए और किसानों को समझाने की कोशिश की।

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    इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए 265 हैक्टेयर भूमि की जरूरत है। इसके लिए कार्रवाई तेज कर दी है। इसके बाद किसानों में विरोध के सुर उठ रहे हैं। रोड के दायरे में एक दर्जन से ज्यादा गांवों की जमीन आ रही है। इसी बीच खतौनी में संबंधित भूमि पर एडीए का नाम दर्ज कर लिया गया है। इसके आशंकित किसानों ने रविवार को प्रभावित गांव महुआखेड़ा में पंचायत बुलाई थी।

    किसानों ने कहा कि रोड प्रोजेक्ट और विकास से उन्हें कोई आपत्ति नहीं, परंतु इससे उन्हें नुकसान होने की आशंका है। मुआवजा भूमि की सर्किल दरों के हिसाब से मिलना चाहिए। सड़क जमीन से पांच मीटर ऊपर बनाए जाने पर उनकी शेष भूमि पर कोई लाभ नहीं मिलेगा, साथ में सड़क किनारे की भूमि का लैंड यूज परिवर्तित होना भी आवश्यक है।

    एडीए सचिव रवींद्र कुमार, एसडीएम सदर राजेश कुमार आदि अधिकारी भी किसानों से वार्ता के लिए पंचायत में पहुंच गए। अधिकारियों ने कहा कि खतौनी में नामांतरण से किसान भ्रमित न हों, उनकी जमीन करार और मुआवजा दिए जाने के बाद ही कब्जे में ली जाएगी।

    किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने कहा कि किसानों की मांगें पूरी होने के बाद ही जमीनों पर कब्जा लिया जाएगा। पंचायत में गजराज सिंह, मालिक यादव, कालीचरन यादव, भूरी सिंह, अरविंद सिंह यादव, श्रीकिशन यादव ग्रामीण मौजूद थे।

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    पंचायत में रखी गई शर्ते

    - जमीन का मुआवजा सर्किल दरों के अनुरूप हो।

    - मुआवजे का एकमुश्त भुगतान मिले।

    - सड़क जमीन से सटकर बनाई जाए, इसे ऊंचा न बनाया जाए।

    - सड़क किनारे की भूमि का लैंड यूज परिवर्तित कराया जाए।

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    खतौनी में नाम बदलने से किसानों को भ्रम हो गया था। किसानों को इस संबंध में आश्वस्त कर दिया गया है। मुआवजे के संबंध में बताया गया कि उन्हें मुआवजे के साथ नई नीति के हिसाब से अतिरिक्त लाभ भी दिया जाएगा। किसान इससे सहमत हैं।

    रवींद्र कुमार, सचिव एडीए

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