यूपी के सिर सजेगा सब्जी का ताज
जागरण संवाददाता, आगरा:
नई खाद्य प्रसंस्करण नीति यूपी की तकदीर खोल सकती है। यहां सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए विदेशियों ने हामी भर दी है। ये कंपनियां हाईटेक तरीके से उत्पादन करेंगी। समिट में अमेरिका की एक कंपनी ने निवेश की इच्छा जताई है, जबकि ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों से समझौते हुए हैं।
पार्टनरशिप समिट में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खाद्य प्रसंस्करण नीति की घोषणा की। ये किसी तोहफे से कम नहीं है, क्योंकि चार एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट जोन बनाए जा रहे हैं। इसमें सब्जियां भी शामिल हैं। समिट में अमेरिका की ड्यूकॉन कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। इसमें नई तकनीक से खेती पर मंथन किया गया। इससे जहां सब्जी उत्पादन बढ़ेगा, वहीं अतिरिक्त लोगों को रोजगार मिलेगा। अधिक उत्पादन से सब्जियों की कीमतों पर भी अंकुश लगेगा। समिट में कनाडा, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया की कंपनियों के बीच समझौते हुए हैं।
उद्यान विभाग के प्रमुख सचिव रजनीश दुबे का कहना है आलू उत्पादन में देश में यूपी पहले, सब्जी में दूसरे, फल में छठवें पायदान पर है। नई नीति से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। सचिव उद्योग संजय प्रसाद का कहना है कि खाद्य प्रसंस्करण में अपार संभावनाएं हैं। नई इकाइयां खुलने से रोजगार के अवसर विकसित होंगे।
ये है यूपी में कृषि उत्पादन (वर्ष 2010-11)
जिंस-भारत में-यूपी में
सब्जियां-144.55-43.30 (29.55 प्रतिशत)
आलू-39.66-13.58 (34.24 प्रतिशत)
फल-74.87-14.53(19.41 प्रतिशत)
ऑयल सीड्स-31.10-0.91(2.93 प्रतिशत)
(उत्पादन मिलियन टन में है।)
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