आगरा आने को तैयार एचसीएल और टीसीएस
जागरण संवाददाता, आगरा: लंबे समय से गैर प्रदूषणकारी उद्योगों के सपने बुन रही ताजनगरी की ये हसरत अब पूरी होती नजर आ रही है। आइटी पार्क (इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पार्क) के लिए जगह चिन्हित होते ही उम्मीदों को भी जमीं मिल गई है। देश की जानी-मानी सॉफ्टवेयर कंपनी एचसीएल और टीसीएस ने आइटी पार्क में रुचि दिखाई है। वहीं ग्लोबल समिट में विप्रो व इंफोसिस जैसी कंपनियों की संभावित भागीदारी से उम्मीदें और मजबूत हुई हैं।
27 से 29 जनवरी तक होटल जेपी में होने जा रही ग्लोबल पार्टनरशिप समिट आगरा में विकास के नए द्वार खोल सकती है। सभी औद्योगिक संगठन लाभ लेने को प्रयासरत हैं। वहीं मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट आइटी पार्क के लिए प्रतिनिधित्व की कमान नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स की आइटी सेल ने थामी है। समिट में आ रही सॉफ्टवेयर कंपनियों के प्रतिनिधियों से सेल ने संपर्क साधना शुरू कर दिया है। चैंबर पदाधिकारियों की उम्मीद इसलिए भी मजबूत हुई हैं, क्योंकि इससे पहले ही प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर कंपनी एचसीएल और टीसीएस आगरा के आइटी पार्क के लिए इच्छा जता चुकी हैं।
आइटी सेल के समन्वयक मनीष अग्रवाल ने बताया कि दोनों कंपनियों तो इच्छा जता चुकी हैं। अब अन्य कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है। नई आइटी नीति में प्रदेश सरकार काफी छूट दे रही है। ग्लोबल समिट में वह बातें दुनिया भर से आ रहे कंपनी प्रतिनिधियों के सामने रखी जाएंगी तो आइटी पार्क के प्रति उनका आकर्षण भी बढ़ सकता है।
---
एक्सप्रेस वे से निकला उम्मीदों का रास्ता
सेल के विशेष आमंत्रित सदस्य एवं आइटी एक्सपर्ट अभिषेक अरुण गुप्ता ने बताया कि एचसीएल कंपनी के करीब एक दर्जन छोटे-छोटे ऑफिस नोएडा और दिल्ली में हैं। इसी तरह 14 ऑफिस टीसीएस के हैं। टीसीएस अपना विस्तार करना चाहती है, जबकि एचसीएल बड़ी यूनिट खोलना चाहती है। ये कंपनियां मान रही हैं कि आगरा से मुफीद कोई जगह उनके लिए नहीं हो सकती, क्योंकि यमुना एक्सप्रेस वे बनने से कनेक्टिविटी आसान हो गई है।
---
प्रशासन और विप्रा के सामने चुनौती
ग्लोबल समिट और कंपनियों के रुख को भुनाने की बड़ी चुनौती जिला प्रशासन और आगरा विकास प्राधिकरण के सामने है। शास्त्रीपुरम में पांच एकड़ जमीन चिन्हित कर ली गई है। विप्रा ने विकासकर्ता तलाश करने के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट भी जारी किया है। दो बार के प्रयास के बाद भी अभी तक कोई विकासकर्ता आगे नहीं आया है। चैंबर की आइटी सेल के अध्यक्ष योगेंद्र सिंघल ने बताया कि अब विप्रा ने पत्र लिख कर विकासकर्ता तलाशने में मदद मांगी है। श्री सिंघल का मानना है कि चैंबर जमीन किसी विकासकर्ता को देने की बजाए खुद आइटी पार्क विकसित करे, फिर उसमें कंपनियों को आमंत्रित किया जाना चाहिए।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।