बजट जनता के सपनों के करीब, आएगा गुणात्मक बदलाव: PM
एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा में पास होने का भरोसा जताया था। सोमवार को बजट पेश होने के बाद पीएम ने इसे जनता के सपनों के करीब बता दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट गांव, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाएगा।
नई दिल्ली। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा में पास होने का भरोसा जताया था। सोमवार को बजट पेश होने के बाद पीएम ने इसे जनता के सपनों के करीब बता दिया। उन्होंने कहा कि यह बजट गांव, गरीब, किसान, महिलाओं और युवाओं के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाएगा।
गांव और गरीब पर केंद्रित बजट को लेकर विपक्षी दल के जुबान भी बंद हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री का हौसला जाहिर तौर पर काफी है। उन्होंने कहा कि गरीबों और किसानों की आय को दोगुनी करने के लिए इस बजट में खासे कदम उठाए गए हैं।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जिसके तहत निवेश में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की गयी है और हर खेत को पानी पहुंचाने की दिशा में भी प्रयास किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने उदाहऱण देते हुए कहा कि 'एक मां खाना बनाने के लिए जो चूल्हा जलाती है उससे 400 सिगरेट का धुंआ उस मां और बच्चों के शरीर में जाता है। ऐसे परिवारों को इस गंभीर स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार ने मुफ्त में गैस कनेक्शन देने का निर्णय लिया है। इससे 5 करोड़ गरीब परिवारों को इस हानिकारक धुंए से मुक्ति मिलेगी'।
देश की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'हमारा देश सुरक्षित रहे हर देशवासी सुरक्षा का एहसास करे , इन बातों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा क्षेत्र में हमारी सेना सक्षम बने और आधुनिक सुरक्षा संसाधनों से लैस हों, रिटायरमेंट के बाद वन रैंक वन पेंशन मिले इस बजट में यह स्पष्ट किया गया है '।
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युवा शक्ति को आगे बढ़ाने की बात कहते हुए कहा कि रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई पहल शुरू करने जा रहे हैं। स्टार्ट अप के लिए पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए टैक्स में प्रावधान रखने की बात भी कही। देश का युवा को वैश्रि्वक स्तर के अवसर मिलें इसके लिए निजी क्षेत्र में 10-10 संस्थानों को वैश्रि्वक स्तर पर लाने की पहल की जाएगी।
प्रधानमंत्री ने प्राथमिक शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि 'आज की चुनौतियों का अगर सामना करना है तो शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता है'।