फेसबुक की मार्केट को कम कर सकते हैं यह इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स
अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल वेब इंडेक्स (जीडब्ल्यूआई) द्वारा किए गए एक शोध में यह साबित किया गया है कि आजकल लोग अपने दोस्तों से मैसेज के जरिए बात करने के लिए फेसबुक का कम और इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स का ज्यादा उपयोग करते हैं।
नई दिल्ली। हाल ही में हुए एक शोध ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स व्हाट्सएप और वी-चैट को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल वेब इंडेक्स (जीडब्ल्यूआई) द्वारा किए गए एक शोध में यह साबित किया गया है कि आजकल लोग अपने दोस्तों से मैसेज के जरिए बात करने के लिए फेसबुक का कम और इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स का ज्यादा उपयोग करते हैं।
यह शोध पूरे एशिया में कुल 42,000 लोगों पर किया गया है जिसमें से 5,000 भारतीय शामिल हैं। शोध की माने तो आजकल लोग फेसबुक की जगह व्हाट्सएप और वी-चैट का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद समझते हैं।
जीडब्ल्यूआई ने बताया कि पूरे विश्व में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में से 83% लोगों का फेसबुक पर अकाउंट है लेकिन केवल 47% लोग ही रोजाना इसे इस्तेमाल करते हैं। दूसरी ओर भारत में भी 93% फेसबुक यूजर्स में से केवल 48% यूजर्स रोजाना फेसबुक पर आते हैं।
इसके फलस्वरूप इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स के ग्राहक तेजी से बढ़ रहे हैं। यह यूजर्स 2013 की पहली तिमाही में 446 मिलियन थे लेकिन अब 2014 की तीसरी तिमाही तक यह संख्या 616 मिलियन से आगे निकल गई है।
ग्राहकों का भी यही कहना है कि अब वे पहले की तरह फेसबुक का उतना अधिक इस्तेमाल नहीं करते हैं और यदि वे अपना फेसबुक अकाउंट खोलते भी हैं तो केवल यह देखने के लिए कि उनके दोस्तों ने उनकी प्रोफाइल पर क्या पोस्ट किया है।
जीडब्ल्यूआई ने फेसबुक के इस्तेमाल के कम हो जाने के कारण भी बताए हैं। पहला कारण है कि इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स मुफ्त हैं, दूसरा यह तेजी से काम करती है और तीसरा और सबसे महत्त्वपूर्ण कि आजकल हर दूसरा व्यक्ति इन इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स पर एक्टिव है।
इसका मतलब है कि ना केवल आज इंस्टेंट मैसेजिंग एप्स के ग्राहक बढ़ रहे हैं बल्कि लोग निरंतर समय पर इन एप्स पर आते भी रहते हैं।
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