यूजर्स के डाटा की सुरक्षा के लिए ट्राई ने परामर्श पत्र जारी कर मांगी राय
यूजर्स की निजता को ध्यान में रखते हुए ट्राई ने एक परामर्श पत्र जारी किया है
नई दिल्ली (जेएनएन)। थर्ड पार्टी एप्लीकेशन डेवलपर्स के साथ टेक्नोलॉजी और मोबाइल कंपनियों द्वारा डाटा शेयर करने को लेकर यूजर्स ने चिंता व्यक्त की थी जिसके चलते दूरसंचार नियामक ट्राई ने आज एक परामर्श पत्र जारी किया है। इसमें मोबाइल डाटा के स्वामित्व व गोपनीयता के बारे राय मांगी गई है। ट्राई ने बताया कि वह यूजर्स के निजी डाटा पर मोबाइल कंपनियों को नियंत्रण देने और जानकारी का दुरुपयोग करने के लिए एक प्रारुप तैयार करना चाहता है।
पारदर्शिता और नियंत्रण यूजर्स के लिए अहम:
ट्राई यह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यूजर्स के पास पूरी तरह पारदर्शिता और नियंत्रण हो जिससे वो यह ट्रैक कर सकें कि उनका डाटा कैसे स्टोर किया जा रहा है या किससे शेयर किया जा रहा है। ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने कहा कि टेलिकॉम सेक्टर में डाटा स्वामित्व, डाटा संरक्षण, गोपनियता और सुरक्षा को लेकर एक स्पष्ट नीति बनाई जाएगी। आर एस शर्मा ने बताया कि इस मामले को लेकर 8 सितंबर तक फैसला लिया जा सकता है।
ट्राई निम्नलिखित तीन परेशानियों को दूर करना चाहती है जो यूजर्स के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।
पहला: जो कंपनियां सर्विस मुहैया करती हैं उन्हें यह जानने की जरुरत है कि वो कौन-सा डाटा इक्ट्ठा कर रही हैं और उन्हें कैसे इस्तेमाल किया जाए। इसे सूचना विषमता (information asymmetry) के रूप में जाना जाता है।
दूसरा: किसी भी कंपनी को अपने डाटा का एक्सेस देते समय यूजर्स को इसके दीर्घकालिक परिणामों के बारे में पता नहीं होता है। इसे बाध्यतावाद (bounded rationality) के रूप में जाना जाता है।
तीसरा: बड़ी संस्थाएं जो बड़ी मात्रा में यूजर्स के डाटा को एक्सेस करती हैं वो उनका इस्तेमाल एकाधिकार का विस्तार करने के लिए कर सकती हैं। इसे डाटा एकाधिकार (data monopoly) कहा जाता है।
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