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    रिलायंस की डाटागिरी पर अन्य टेलीकॉम कंपनियों की दादागिरी, मुकेश अम्बानी का दो-टूक जवाब

    By Sakshi PandyaEdited By:
    Updated: Thu, 08 Sep 2016 01:25 PM (IST)

    रिलायंस के सस्ते टैरिफ प्लान्स को लेकर चिंता में आयी अन्य टेलीकॉम कंपनीज ने एकसाथ मिलकर रिलायंस पर धावा बोल दिया है

    रिलायंस के सस्ते टैरिफ प्लान्स को लेकर चिंता में आयी अन्य टेलीकॉम कंपनीज ने एकसाथ मिलकर रिलायंस पर धावा बोल दिया है| कुछ दिनों पहले पीएमओ को लिखे खत में सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा की वे इस नए सेवा प्रदाता की फ्री-कॉल की बाढ़ को संभालने की स्थिति में नहीं हैं| इसके जवाब में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अंग्रेजी समाचारपत्र टाईम्स ऑफ इंडिया को दिए साक्षात्कार में यह कहा है कि इंटरकनेक्ट समस्या का हल कुछ ही हफ्तों में निकल आएगा। अंबानी ने कहा कि अन्य कंपनियां लंबे समय तक नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकती हैं। लाइसेंस के तहत यह कंपनियों का दायित्व है कि वे इंटर कनेक्ट की सुविधा मुहैया कराए।

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    क्या है अन्य कंपनियों की परेशानी?
    एयरटेल जैसे मोबाइल ऑपरेटरों के संगठन के अनुसार वे ऐसे इंटरकनेक्ट आग्रहों को पूरा करने के लिए बाध्य नहीं हैं क्योंकि जियो की योजना प्रतिस्पर्धा रोधक हैं।
    सीओएआई ने उचित प्रतिस्पर्धा को बहाल करने के लिए पीएमओ से हस्तक्षेप की अपील की है। इसके जवाब में रिलायंस जियो के सूत्रों ने कहा कि उसका विरोध कर रही कंपनियां पर जियो या किसी नेटवर्क से आने वाली कॉल को इंटरकनेक्टिविटी यानी मार्ग देने की कानूनी बाध्यता है।

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    रिलायंस जियो ने अपना कमर्शियल लांच 5 सितंबर से शुरू कर दिया है। जियो ने आरोप लगाया है कि सेवाओं के परीक्षण के दौरान भारती एयरटेल और वोडाफोन जैसे ऑपरेटरों ने पर्याप्त इंटरकनेक्शन पोर्ट उपलब्ध नहीं कराया था। मौजूदा ऑपरेटरों का आरोप है कि रिलायंस जियो द्वारा नेटवर्क का परीक्षण नियमनों का उल्लंघन करने का प्रयास है।
    सीओएआई ने रिलायंस जियो की मुफ्त कॉल को मुफ्त भोजन करार देते हुए कहा कि इससे प्रतिद्वंद्वी ऑपरेटरों पर दरों में छेड़छाड़ के जरिये अत्यधिक बोझ पड़ेगा और रिलायंस जियो के भारी मात्रा में ट्रैफिक से अन्य ऑपरेटरों के लिए औसत वॉयस प्राप्ति 30 से 40 पैसे प्रति मिनट से घटकर 22 से 25 पैसे या उससे भी अधिक नीचे आ जाएगी।

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