Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पेटीएम से करते हैं पेमेंट तो हो जाइए सावधान, कहीं आपके साथ भी न हो जाए ऐसा

    By MMI TeamEdited By:
    Updated: Fri, 16 Dec 2016 03:16 PM (IST)

    देश में नोटबंदी के बीच लोग भले ही ई-वॉलेट का इस्तामल कर रहे हैं, लेकिन अब ई वॉलेट और बैंकिंग एप पर भी खतरा मंडरा रहा है ...और पढ़ें

    Hero Image

    नई दिल्ली। देश में नोटबंदी के बीच लोग भले ही ई-वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन अब ई वॉलेट और बैंकिंग एप पर भी खतरा मंडरा रहा है। डिजिटल पेमेंट को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ई-वॉलेट सुरक्षित है या नहीं? आपको बता दें कि हाल ही में कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं जिससे ई-वॉलेट ज्यादा सिक्योर नजर नहीं आ रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है मामला?

    कानपुर में एक मोबाइल रिचार्ज दुकान है, जिसके मालिक का नाम लाल जी है। नोटबंदी के बाद लाल जी ने भी पेटीएम डाउनलोड किया। जिसके बाद 11 दिसंबर को उनके पेटीएम वॉलेट में 8,286 रुपये थे। लेकिन जब उन्होंने शाम में पेटीएम बेलैंस को चेक किया तो वो जीरो दिखाने लगा। लाल जी ने पुलिस के पास इस घटना की रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

    भारत में सुरक्षित नहीं हैं ई-वॉलेट और बैंकिग एप:

    इससे पहले क्वालकॉम ने भारत में ई-वॉलेट और बैंकिग एप की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। क्वालकॉम के सीनियर डायरेक्टर प्रोडक्ट मैनेजर ने बताया कि सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ज्यादातर बैंकिंग और वॉलेट एप्स हार्डवेयर सिक्योरिटी का इस्तेमाल नहीं करते हैं। सभी कंपनियां पूरी तरह से एंड्रायड मोड पर ही काम करती हैं। ऐसे में यूजर्स का पासवर्ड आसानी से चुराया जा सकता है। यही नहीं, यूजर्स के फिंगरप्रिंट्स भी कैप्चर किए जा सकते हैं। आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद से देश में मोबाइल पेमेंट कंपनियों के बिजनेस में भारी उछाल आया

    क्रेडिट/डेबिट कार्ड से जुड़े फ्रॉड में हुआ 6 गुना इजाफा:

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में एटीएम मशीनों को लगाकर 5 साल में बदल दिया जाता है, और उनमें नए सॉफ्टवेयर भी लगा दिए जाते हैं। लेकिन भारत में ये मशीनें 10-10 सालों तक नहीं बदली जाती। ऐसे में भारत के 70 फीसदी एटीएम मशीनों को हैक करना कोई मुश्किल काम नहीं है। आपको बता दें कि ये सभी एटीएम विंडो XP सॉफ्टवेयर पर चलते हैं, जिन्हें माइक्रोसॉफ्ट ने अप्रैल, 2014 से ही सुरक्षित करना बंद कर दिया था।