इन आसान उपायों के साथ इस बार नए साल का स्वागत करें
नए साल का स्वागत हमें अपने घर के प्रवेश द्वार से करना चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर ऊं, स्वास्तिक या श्री का निशान बनाएं। चांदी का स्वास्तिक भी लगा सकते हैं।
अपने परिवार के सुख और समृद्धि के लिए हमें अपने घर को भी नए साल के स्वागत के लिए तैयार करना चाहिए। नकारात्मक ऊर्जा को घर से दूर करना होगा। नया साल आपके जीवन में नई उमंग और नई खुशियां लेकर आए। नए साल का स्वागत सभी अपने अपने तरीके से करते हैं। इन आसान उपायों के साथ हम इस बार नए साल का स्वागत करें।
नए साल का स्वागत हमें अपने घर के प्रवेश द्वार से करना चाहिए। घर के मुख्य द्वार पर ऊं, स्वास्तिक या श्री का निशान बनाएं। चांदी का स्वास्तिक भी लगा सकते हैं। घर से पुराने और बोरिंग चित्रों को हटा दें। इनकी जगह उत्साह भर देने वाली पेंटिंग्स लगाएं। इन चित्रों को पूरब दिशा में लगाएं। सूर्य की पेंटिंग भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
घर से पुराने कबाड़ को बाहर निकाल दें। घर को नीला, सफेद, पीला या हरे रंग में पेंट कराएं। घर की उत्तर पूर्व दिशा में लाफिंग बुद्धा की मूर्ति लगाना शुभ माना जाता है। वास्तु में उत्तर दिशा को धन और भाग्य वृद्धि के लिए माना जाता है। इसलिए इस दिशा की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। घर में उत्तर दिशा में कुबेर देवता को स्थान दें।
घर से टूटा कांच, टूटे बर्तन, टूटा पलंग या टूटा फर्नीचर हटा दें। घर में भगवान की कोई भी मूर्ति खंडित न हो। कोई भी टूटा पेन न रखें। घर में प्लास्टिक के फूल न रखें। हमेशा अपने घर को ताजे फूलों से सजाएं। नए साल पर घर में मनी प्लांट, तुलसी के पौधे लगाएं।
हमारे आस-पास और घर में मौजूद चीजों का किसी न किसी रुप में हम पर जरुर असर होता है। आपने देखा होगा कि कोई चीज आपके घर में आई होगी और उसके बाद से घर में एक के बाद एक खुशखबरी और उन्नति होती गई होगी। वैसे ही नया घर या काम शुरू करने को बाद कई बार घर में सुख-शांति नहीं रहती। धंधा करने वालों को काम में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है कई बार तो धंधा बंद तक करना पड़ जाता हैं। वास्तु विज्ञान में ऐसी ही कुछ चीज का उल्लेख किया गया है जिससे नए मकान-फैक्ट्री व उद्योग के शुरुआत में करने से सुख-शांति औऱ काम में उन्नति मिलती है।
वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो अगर आप नए मकान-फैक्ट्री व उद्योग को शुरू करने वाले हैं तो उपाय जरूर करें। भूमि-पूजन करके नींव का मूहूर्त अवश्य करना चाहिए। इस मूहूर्त में चांदी का सर्प बनाकर जमीन में जरूर डालना चाहिए। भारतीय मान्यता के अनुसार जिस प्रकार शेषनाग के सिर पर पूरी पृथ्वी का भार है, ठीक उसी प्रकार से इस भवन का भार शेषनाग की तरह सर्प के उपर रखा रहेगा। इससे मकान की नींव कभी नहीं टूटेगी और बनी रहेगी। मकान किसी भी आपदा से बचा रहेगा।
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