Move to Jagran APP

रामलला के अस्थाई मंदिर को खतरा

रामलला का अस्थाई मंदिर खतरे में है। मंदिर में लगाई गईं 12 बल्लियां सड़ गई हैं और बोझ उठाने के काबिल नहीं हैं। मंदिर की तिरपाल की छत चार बड़ी व 2

By Edited By: Published: Fri, 07 Feb 2014 12:58 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2014 01:12 PM (IST)
रामलला के अस्थाई मंदिर को खतरा

अयोध्या। रामलला का अस्थाई मंदिर खतरे में है। मंदिर में लगाई गई 12 बल्लियां सड़ गई हैं और बोझ उठाने के काबिल नहीं हैं। मंदिर की तिरपाल की छत चार बड़ी व 28 पतली बल्लियों के सहारे टिकी है।

prime article banner

सड़ चुकी बल्लियों को बदलने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति जरूरी है। विशेष परिस्थितियों में ही यहां किसी तरह का बदलाव या सुधार किया जा सकता है। इसकी प्रक्रिया शुरू भी की जा चुकी है, न्यायालय में यह अर्जी पेश भी की गई है। अनुमति मिलने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। यहां की देखरेख अधिग्रहीत क्षेत्र के रिसीवर द्वारा की जाती है। मंडलायुक्त यहां के पदेन रिसीवर हैं। इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर जिला जज स्तर के दो न्यायिक अधिकारी तथा रामजन्मभूमि स्वामित्व वाद के पक्षकार प्रत्येक सप्ताह में रविवार को यहां जायजा लेकर रिपोर्ट हाई कोर्ट को भेजते हैं। बल्लियों के सड़ने के बारे में करीब चार माह पूर्व ही इस टीम ने भी रिपोर्ट दी है।

बीते रविवार को दो न्यायिक अधिकारियों टीएम खान (जिला जज वाराणसी) और एसके सिंह (जिला जज उन्नाव) ने वाद के पक्षकारों व उनके अधिवक्ताओं के साथ यहां का निरीक्षण किया था। बल्लियों के सड़ने से जो स्थिति है, उससे मुख्य ढांचे को सीधा खतरा तो नहीं माना जा रहा है, लेकिन तेज आंधी या तूफान आने पर ढांचा ढह सकता है। रिसीवर ने मौजूदा स्थिति को विशेष परिस्थिति नहीं माना है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.